पटना में अन्ना, व्यवस्था परिवर्तन के लिए रैली आज

पिछले दो साल से सरकार आम जनता को लोकपाल के नाम पर आश्वासन ही दे रही है। कागजों पर बने इस बिल को अब तक अमली जामा नहीं पहनाया गया है। लोकपाल के नाम पर लोगों को सिर्फ मूर्ख बनाया गया है। अन्ना हजारे ने सरकार पर आरोप लगाते हुए एक बार फिर जनआंदोलन तेज करने की मुहिम छेड़ दी है। दिल्ली, मुंबई से हटकर इस बार अन्ना हजारे ने लोगों को जागरूक करने के लिए गांधी जी का आंदोलन स्थल चुना है। बुधवार को अन्ना हजारे पटना के गांधी मैदान में जनचेतना रैली का आगाज करने जा रहे हैं। इस रैली में हजारे के साथ पूर्व आर्मी चीफ वी के सिंह भी शामिल होंगे।

इस बीच, सरकार भी लोकपाल को लेकर जरा सक्रिय होती दिख रही है। लोकपाल विधेयक गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। राज्यसभा की प्रवर समिति की सिफारिशों के मुताबिक इसमें कई बदलाव किए गए हैं। राज्यों को अपने मुताबिक लोकायुक्त कानून बनाने की स्वतंत्रता का प्रावधान भी इसमें शामिल है।

सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को पीएम के नेतृत्व में होने वाली कैबिनेट बैठक में लोकपाल बिल पर चर्चा कर इसे संसद के अगले सत्र में ही पारित कराने का प्रयास किया जाएगा। कार्मिक विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव में रास की प्रवर समिति की प्रमुख सिफारिशों को माना गया है। लोकपाल बिल पर नए सिरे से सक्रिय होकर सरकार स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि वह बिल को लेकर संजीदा है।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सोनिया ने अन्ना को पत्र लिखकर भरोसा दिलाया है कि सरकार बजट सत्र में बिल पास करवाएगी। सरकार के इन प्रयासों का अन्ना पर कोई असर दिखाई नहीं देता। मंगलवार को सोनिया के पत्र के बारे में उन्होंने कहा, ऐसी चिट्ठियां और वादे तो सरकार से पिछले दो साल से आ रहे हैं। सोनिया और प्रधानमंत्री दोनों ने ही कई पत्र लिखे हैं और लोकपाल बनाने का भरोसा दिया है। लेकिन, उनका इरादा साफ नहीं है। वे बार-बार जनता को बेवकूफ बनाते हैं। अगर वे लोकपाल पर ईमानदार होते तो एक या दो सत्र में ही आसानी से इसे पास कर सकते थे। अन्ना ने राहुल गांधी को भी दूसरे नेताओं जैसा बताते हुए कहा, लोकपाल मामले में ये सभी लोग मिलकर जनता को धोखा दे रहे हैं।

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