चौकी में ही 6 पुलिसवालों ने किया था गैंगरेप

छह पुलिस वालों ने नाबालिग लड़की को हवस का शिकार बनाया, लेकिन एक साल बाद भी जांच अधिकारी दोषी पुलिसकर्मियों की पहचान ही नहीं कर सके हें। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी मनीष यदुवंशी ने पुलिस कार्यप्रणाली की खिंचाई करते हुए मामले में पुलिस कमिश्नर से पूरी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आगे की जांच पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

गैंगरेप की यह वारदात पिछले साल आइपी एस्टेट थाने की जेपीएन पुलिस चौकी के अंदर हुई थी। इस संबंध में पुलिस ने दुष्कर्म का मामला तो दर्ज किया है। लेकिन आरोपपत्र में दुष्कर्म करने वालों का उल्लेख ही नहीं है। अदालत ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जांच अधिकारी ने आरोपी पुलिसकर्मियों की पहचान के लिए कोई कदम ही नहीं उठाया। अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर अपने स्तर पर पूरे मामले की जांच करें जिससे सच्चाई का पता लगाया जा सके।

पेश मामले के अनुसार पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी निवासी किशोरी को गीता लाकड़ा और जवाहर लाकड़ा दिल्ली लेकर आए थे। इन दोनों ने लड़की को गुल मोहम्मद नाम के व्यक्ति के हाथों बेच दिया। एक दिन किशोरी गुल मोहम्मद के यहां से भाग आई और जयप्रकाश नारायण अस्पताल के पास पहुंची। पुलिसकर्मी उसे जेपीएन पुलिस चौकी में ले गए। जहां छह पुलिसकर्मियों ने उसे हवस का शिकार बनाया। एक स्थानीय व्यक्ति ने किशोरी को चाइल्ड वेलफेयर कमीशन के पास पहुंचाया। फिर इस संबंध में किशोरी के बयान पर पुलिस ने दुष्कर्म व अपहरण का मामला दर्ज किया। पुलिस ने गीता और जवाहर के खिलाफ अपहरण और गुल मोहम्मद के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने नोटिस किया कि दुष्कर्म की धाराओं के तहत प्राथमिकी तो दर्ज है लेकिन आरोप पत्र में किसी आरोपी पर दुष्कर्म का आरोप नहीं है। जबकि किशोरी की चिकित्सकीय जांच में दुष्कर्म का जिक्र है।

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