दिल्ली में बारिश, हिमाचल में बर्फबारी

एक बार फिर देश की राजधानी में मौसम ने अंगड़ाई ली है। कल शाम से ही बारिश की हल्की फुहार कई जगहों पर देखने को मिल रही है। अभी भी एनसीआर समेत पूरी दिल्ली में बादल छाए हुए हैं।

आसमान में छाए बादलों की वजह से देश के मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ों में भारी बर्फबारी के हालात बन गए हैं। हिमाचल के कई जगह बर्फ की सफेद चादर से ढक गए हैं। मनाली में 14 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है। सुबह से ही शिमला में बारिश हो रही है। कुल्लु, मंडी, शिमला, किन्नौर, सिरमौर आदि कई जिलों में सोमवार सुबह से ही बर्फबारी हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक 6 फरवरी तक इन जिलों में बर्फबारी होती रहेगी।

हालांकि पिछले चार दिनों से जम्मू में रिमझिम बारिश और कश्मीर के पहाड़ों पर छिटपुट बर्फबारी हो रही है, पर मौसम पर इसका खास असर नहीं पड़ा है। संभावित खतरे को देखते हुए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए एकतरफा कर दिया गया है।

राजधानी दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में रविवार शाम बूंदाबांदी होने से ठंड में इजाफा हुआ। हिमाचल प्रदेश में लगातार तीन दिन हिमपात और बारिश होने की संभावना है। तीन हफ्ते से मौसम सुहावना बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में दो फरवरी से नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। इसका प्रभाव चार फरवरी मध्य रात्रि से आरंभ होने की संभावना है। विभाग का मानना है कि ऊंचे पहाड़ी व मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चार फरवरी से बर्फबारी का दौर फिर से शुरू होगा और लोगों को फिर कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा।

दूसरी तरफ, पिछले 17 व 18 जनवरी को हुए भारी हिमपात के बाद अभी तक जनजातीय जिला किन्नौर और लाहुल-स्पीति सहित शिमला के डोडरा क्वार में जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है। कुछ क्षेत्रों में अभी तक यातायात व बिजली सुविधा बहाल नहीं हो पाई है। उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में रविवार को दिनभर धूप निखरी रही, जबकि मैदानी क्षेत्रों में धूप-छांव का खेल चलता रहा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आसमान में उमड़े बदरा जोरदार ढंग से बरसेंगे। कहीं-कहीं ओला पड़ने के भी आसार हैं।

अब चिल्ले खुर्द के तेवर

जम्मू-कश्मीर में चिल्ले कलां के बीतने के बाद आए चिल्ले खुर्द ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। रविवार को चिल्ले खुर्द ने न सिर्फ निचले इलाकों में बादलों को बरसाया बल्कि उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फ की हल्की सफेद चादर भी बिछा दी। इससे ठंड का प्रकोप फिर तेज हो गया है। जम्मू संभाग में भी दिनभर बादल छाए रहे और कई जगह बारिश हुई है। गौरतलब है कि कश्मीर में सर्दियों को परंपरागत तौर पर तीन हिस्सों में बांटा गया है। सबसे ज्यादा ठंडा चिल्ले कलां होता है और उससे कम चिल्ले खुर्द व सबसे कम ठंडा चिल्ल बाइच होता है। चिल्ले कलां 29 जनवरी को समाप्त हुआ था और 30 जनवरी की सुबह से चिल्ले खुर्द ने अपना डेरा जमाया हुआ है।

error: Content is protected !!