कांग्रेस सिर्फ एक परिवार की पार्टी: मुलायम

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस को एक परिवार की पार्टी करार देते हुए उसे देश के खराब आर्थिक हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की बदहाली के लिए सबसे ज्यादा दोषी कांग्रेस ही है।

बुधवार को यहां सपा मुख्यालय में यादव ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस में सिर्फ गांधी परिवार की चलती है। उसकी बैठकों में किसी नेता की बोलने की हिम्मत तक नहीं पड़ती। राहुल गांधी को उपाध्यक्ष बनाए जाने पर यादव ने कहा कि यह कांग्रेस का अपना निर्णय है। वह पीएम बनेंगे या नहीं यह तो भविष्य ही बतायेगा, पर कांग्रेस ने उन्हें नेता चुन लिया है। यादव ने कहा कि अभी किसी भी पार्टी में कोई देश का नेता नहीं है। उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का करिश्मा न चलने की बात भी कही।

सपा प्रमुख ने केंद्र सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया। चाहे मामला बेरोजगारी का हो, महंगाई का या भ्रष्टाचार का, उसके शासनकाल में इन सब में इजाफा हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार की आर्थिक नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वह सत्ता में आई थी तो 100 दिन के अंदर महंगाई खत्म करने की बात की थी, पर ऐसा नहीं हुआ उल्टे देश की आर्थिक दशा और भी बदतर हो गयी।

सपा के केंद्र सरकार को समर्थन जारी रखने के मामले में यादव ने कहा कि उनकी पार्टी की नीति सांप्रदायिकता के विरूद्ध हैं। कांग्रेस तो कभी भी सांप्रदायिकता के खिलाफ नहीं लड़ी है। सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस का समर्थन करना ही एकमात्र विकल्प रहा। अगर आज हम सर्मथन वापस ले भी लेते हैं तो यूपीए सरकार नहीं गिरेगी। उन्होंने साथ ही जोड़ा अगर देश की जनता से जुड़ा कोई मुद्दा आएगा तो हम सरकार से समर्थन जरूर वापस लेंगे। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसकी कोशिश सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग के जरिए विपक्ष को दबाने और धमकाने की रही है। इन संस्थाओं का दुरूपयोग किया जा रहा है।

मुलायम ने कहा कि कांग्रेस इस बार चुनावी बजट पेश करेगी और सितंबर तक इसके आधार पर जनता के बीच वोट मांगने जाएगी। उन्होंने दावा किया यह चुनाव व्यक्ति नहीं मुद्दों के आधार पर होगा। तीसरी ताकतों को बहुमत मिलेगा। देश की जनता चाहती है भाजपा-कांग्रेस से मुक्ति मिले। दोनों धराशायी होंगे। गैर भाजपा-गैर कांग्रेस की सरकार बननी चाहिए। भाजपा दुविधाग्रस्त पार्टी है। किसानों के बारे में भाजपा की कोई नीति नहीं है। राम मंदिर और हिन्दुत्व का मुद्दा भी अब चुनावी मुद्दा नहीं बन पाएगा। भाजपा को भी यह बात समझ में आ रही है।

सपा प्रमुख ने स्वीकारा कि न्यूक्लियर डील पर केंद्र सरकार को बचाने से हमारी पार्टी को नुकसान हुआ है। हम नहीं बचाते तो सरकार नहीं बचती। हमने देशहित में यह फैसला किया था। प्रदेश सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए यादव ने कहा कि किसानों के लिए कर्ज माफी, बंधक जमीन की नीलामी पर रोक और सरकारी ट्यूबवेल से मुफ्त सिंचाई के साथ बेकारी भत्ता और कन्या विद्याधन योजना चालू की गयी है।

मुलायम के कुनबे को एक और सियासी ताज!

लखनऊ। यूपी कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड [पीसीएफ] के सभापति के निवार्चन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 12 को सभापति का चुनाव होना तय है। बुधवार को निदेशक मंडल के सदस्यों के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया गया।

अन्य दावेदार न होने से निदेशक मंडल के लिए 11 लोग निर्विरोध चुन लिए गये हैं। इन 11 लोगों में कई सियासी दिग्गजों के पुत्र शामिल हैं, लेकिन सबसे खास नाम सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव के पुत्र आदित्य यादव का है, जिनके सभापति बनने की बड़ी संभावना बताई जा रही है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव के कुनबे में जल्द ही एक और सियासी ताज मिल जायेगा।

पीसीएफ सभापति का चुनाव निदेशक मंडल करता है। अमूमन सरकार चहेतों के सभापति बनते ही उन्हें राज्यमंत्री का ओहदा दे देती है। पीसीएफ के निदेशक मंडल में कुल 14 सदस्य होते हैं। 13 सदस्यों का चुनाव होता है, जबकि एक सदस्य सरकार नामित करती है। इस बार सभी पदों के लिए नामांकन नहीं हो सका। यद्यपि सह निर्वाचन अधिकारी एसएन यादव ने किसी का नाम और इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया है, लेकिन सूत्रों के हवाले से यह खबर आयी है कि कुल 11 लोग निर्विरोध निर्वाचित घोषित हो गये हैं। इनमें शिवपाल सिंह यादव के पुत्र आदित्य यादव, पूर्व मंत्री बनवारी यादव के पुत्र आशीष यादव, पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव के पुत्र सुधीर यादव, पूर्व सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव के पुत्र यशपाल यादव व सांसद धर्मेन्द्र यादव के रिश्तेदार संजय यादव, पूर्व विधायक जगदीश सिंह, महिला सीट पर विमला यादव, मुरादाबाद के अजय मलिक, मेरठ के जितेन्द्र यादव, गाजीपुर के विजयशंकर राय का नाम प्रमुख है।

अनुसूचित जाति की सीट पर भी एक निदेशक का निर्वाचन हुआ है। निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि 11 को निदेशक मंडल का चुनाव घोषित है और उसी दिन नाम घोषित होंगे, जबकि नियम यह है कि दूसरे दावेदार न आने पर उसी दिन निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया जाता है।

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