राज्यमंत्री का दर्जा पाए पांडे का स्टिंग करने में एसपी नपे

मांग हो रही थी पशु तस्करों को बचाने के लिए गोंडा के एसपी नवनीत राणा को रिश्वत की पेशकश करने वाले राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त केसी पांडे को पद से हटाने की लेकिन सरकार ने बुधवार को राणा को ही हटा दिया। उन्हें कहीं तैनाती भी नहीं दी गई है। सरकार की तरफ से गोंडा के एसपी को हटाने की कोई वजह नहीं बताई गई है। इस कदम के बाद बसपा, भाजपा, कांग्रेस व राष्ट्रीय लोकदल ने सरकार पर हमला बोल दिया है। नेताओं का कहना है पशु तस्करी में शामिल व्यक्ति को सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा तो दिया ही, अब उसने राजफाश करने वाले एसपी को हटाकर यह साफ कर दिया है कि वह पशु तस्करों का संरक्षण दे रही है। उधर समाजवादी पार्टी ने केसी पांडे का बचाव किया है। कहा है कि मामले को गलत तरीके से तूल दिया जा रहा है। पांडे का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। दरअसल गोंडा के एसपी नवनीत राणा ने केसी पांडे का स्टिंग ऑपरेशन 30 दिसंबर को किया था लेकिन यह मामला उजागर हुआ दो फरवरी को। इसके एक दिन पहले ही केसी पांडे को उप्र सरकार ने गन्ना शोध परिषद का उपाध्यक्ष बनाते हुए राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। मामला उजागर होने के बाद पता चला कि उप्र सरकार ने जिन केसी पांडे को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है, उनके खिलाफ न केवल 30 दिसंबर को पशु तस्करी में शामिल होने का मुकदमा दर्ज हो चुका है बल्कि गोंडा पुलिस के लिए केसी पांडे फरार अभियुक्त हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं। दो फरवरी को खुद अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अरुण कुमार ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि गोंडा के एसपी ने जो स्टिंग ऑपरेशन किया है, वह उनके कहने पर किया है।

जांच सीबीसीआइडी को

शासन ने पशु तस्करों को संरक्षण देने के आरोपों से घिरे उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त) केसी पांडेय के मामले की जांच सीबीसीआइडी को सौंपी है। शासन देर शाम को शासन का यह फैसला आया। प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने बताया कि जांच सीबीसीआइडी को सौंपी गई है। जब उनसे यह पूछा गया कि जांच कितने दिनों में पूरी हो जाएगी तो उनका कहना था कि यह तो सीबीसीआइडी ही तय करेगी।

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