रातोंरात लगवा दी गई मायावती की नई मूर्ति

लखनऊ के डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल के बाहर लगी सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की तोड़ी गई मूर्ति को हटाकर नई मूर्ति अखिलेश सरकार ने बृहस्पतिवार देर रात लगवा दी।

तोड़ी गई मूर्ति की जगह संत गाडगे सभागार के परिसर में रखी पूर्व मुख्यमंत्री की नई मूर्ति को परिवर्तन स्थल के सामने लगाया गया है। मूर्तिकार श्रवण प्रजापति ने बताया कि करीब सवा छह फुट ऊंची इस मूर्ति की हूबहू मूर्ति पूर्व सरकार के समय में बनवाया गया था, लेकिन उसे लगाया नहीं जा सका था। इस वजह से यह गाडगे जी महाराज सभागार परिसर में ही रखी गई थी।

जिलाधिकारी अनुराग यादव ने बताया कि मामले की साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें प्रेस वार्ता का आयोजन कराने वाली पीआर एजेंसी के संचालक विशाल मिश्रा, कथित पत्रकार आलोक श्रीवास्तव और उनके बेटे अर्पित श्रीवास्तव शामिल हैं। आईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशुतोष पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना की प्रेसवार्ता के लिए प्रेस क्लब आलोक श्रीवास्तव के नाम से बुक कराया गया था। एसएसपी के अनुसार, हिरासत में लिए गए लोग नवनिर्माण सेना के एजेंडे से भलीभांति जानते थे। इसके बावजूद पुलिस को बिना सूचना दिए इन्होंने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कराया।

मामले में लापरवाही के आरोप में पुलिस की स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) के एक इंस्पेक्टरर वीपी सिंह को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने बताया कि अगर इलाके में कोई पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिमा तोड़े जाने के विषय में प्रेस कांफ्रेंस कर रही है तो संबंधित स्थान के एलआईयू बीट इंचार्ज को इसकी जानकारी होनी चाहिए। साथ ही उच्चाधिकारियों को सूचना देने के बाद उस पर नजर रखना चाहिए।

सपा में सक्रिय रहा है अमित जानी
यूपी नवनिर्माण सेना का मुखिया अमित जानी मेरठ का निवासी और शिवसेना का पुराना पदाधिकारी है। वह सपा में भी सक्रिय रहा है। उसकी सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कैबिनेट मंत्री आजम खां के साथ तस्‍वीरें भी हैं। अमित ने ही गुरुवार को सुबह लखनऊ स्थित यूपी प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती की मूर्ति तोड़ने की धमकी दी थी।

जानी के खिलाफ मेरठ में कई केस दर्ज हैं। लखनऊ में उसने पहली वारदात की थी। राज ठाकरे ने जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई थी तभी जानी ने शिवसेना छोड़कर उ.प्र. नवनिर्माण सेना बना ली थी। जानी पर मेरठ शिवसेना दफ्तर में आगजनी का भी आरोप है।

‘प्रेस’ लिखी बाइक से आए थे उपद्रवी
पूर्व मुख्यमंत्री की संगमरमर की मूर्ति को खंडित करने वाले युवक ‘प्रेस’ लिखी बाइक पर सवार होकर आए थे। इनके पास चंद सेंकेडों में जीरो से 60 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ने वाली हाइटेक बाइक थीं। हंगामे के दौरान कोई भी बाइक बंद नहीं की गई। एक बाइक पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘प्रेस’ लिखा हुआ था।

एक बाइक पर लखनऊ का रजिस्ट्रेशन नंबर था, दूसरी एक और बाइक जिस पर बाद में तीन लोग सवार होकर भागे उसका रजिस्ट्रेशन नंबर दिल्ली (डीएल-6एस वाई 9717) था। इस बाइक पर पीछे की ओर अंग्रेजी में ‘प्रेस’ लिखा हुआ था। इसे वहां मौके पर मौजूद कई छायाकारों ने कैमरे में कैद भी किया।

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