यूपी बजट: क्या लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी सरकार

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लखनऊ। अखिलेश सरकार मंगलवार को अपना दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। सरकार के इस बजट को घेरकर राज्य के हर क्षेत्र को काफी उम्मीदें हैं। बीते साल सरकार ने दो लाख करोड़ का बजट पेश किया था,इस बार का आंकड़ा इस सीमा को भी पार कर सकता है। हालांकि विपक्षी दल इस बार भी सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि बीते बजट में सरकार ने जितनी भी घोषणाएं की थी उसका आधा काम भी अब तक पूरा नहीं हुआ है।

लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं ऐसे में यूपी सरकार महंगाई कम करने के साथ-साथ विकास का भी ध्यान रखा जाएगा। इसलिए सरकार प्रत्येक क्षेत्र के लिए बजट में कुछ न कुछ खास रखेगी।

फलपट्टी क्षेत्र के लिए हो अलग बजट

बाराबंकी,लखनऊ,सहारनपुर, प्रतापगढ़, हरदोई सहित करीब 14 जिलों में आम का उत्पादन होता है, लेकिन इन क्षेत्रों में काश्तकार समस्याओं से जूझ रहे हैं। किसान अपनी फसल का निर्यात नहीं कर पाते हैं। बाजार न मिलने के कारण फसल औने-पौने दाम पर बिकती है। बिजली आपूर्ति व नकली कीटनाशक किसानों की समस्या बने हुए हैं, लेकिन इनके निराकरण के कोई गंभीर प्रयास नहीं होते हैं। ऑल इंडिया मैंगो ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इंसराम अली कहते हैं कि गत वर्ष केंद्र सरकार से फलपट्टी क्षेत्र के किसानों के लिए राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन किए जाने, फलपट्टी क्षेत्र के किसानों के लिए अलग से बजट का प्रावधान करने की मांग की गई थी। हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्री ने फूड ट्रेन चलाने की मांग को स्वीकार कर लिया था, लेकिन इस ट्रेन का संचालन अब तक नहीं हो पाया है।

एसोसिएशन सदस्य एवं उत्पादक परवेज खां, राबिन गुप्ता व नीरोज हसन का कहना है कि फलपट्टी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की हालत बहुत खराब है।

वृहद कार्ययोजना की जरूरत

अयोध्या की ओर पर्यटकों को आकर्षित करना है तो एक वृहद कार्ययोजना बनानी होगी। उपलब्ध संसाधनों को आकर्षक बनाने के साथ-साथ सस्ते पर्यटक आवास बनाने होंगे। पिछले 11 माह के कार्यकाल में अयोध्या में सरकार ने कोई नई ईट तो नहीं रखी उल्टे 45 एकड़ में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय का निर्माण कार्य जरूर रुकवा दिया। अयोध्या की पर्यटन योजना बनाने से पूर्व यहां आयोजित होने वाले तीन प्रमुख मेलों को ध्यान में रखना होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। बावजूद इसके श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं मौजूद नहीं हैं। अयोध्या की धर्मशालाओं का स्वरूप बिगड़ चुका है। राम की पैड़ी मैली हो चुकी है। हालांकि इसके सतत प्रवाह के लिए 1 करोड़ 68 लाख की कार्ययोजना को तकनीकी मंजूरी मिल चुकी है। बजट में इसका प्रावधान हुआ तो हरि की पैड़ी की तरह राम की पैड़ी भी एक बार फिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकती है। अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय का निर्माण कार्य भी रुका हुआ है। इसे पूरा करने के लिए भी बजट की जरूरत है।

प्रोत्साहन मिले तो बने बात

दुनियाभर में मशहूर लखनऊ की चिकनकारी और चिकन वस्त्र सरकार की उपेक्षा के शिकार हैं। कारोबार पर बिचौलिए हावी हैं, छोटे कारीगर फांके काट रहे हैं। चिकन मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष हर प्रसाद अग्रवाल बताते हैं कि चिकन वस्त्र के कारोबार को सरकारी प्रोत्साहन की जरूरत हैं। राज्य सरकार के उपक्रमों में हैंडीक्राफ्ट में मुरादाबाद का स्टील, सहारनपुर की लकड़ी का सामान है, लेकिन लखनऊ का चिकन गायब है। लखनऊ चिकन वस्त्रों के उत्पादन का दुनिया का एकमात्र केंद्र हैं। बावजूद इसके सीधे निर्यात के लिए कोई सुविधा कारोबारियों के पास नहीं है। कारोबारियों का माल दिल्ली व गुजरात जाता है और वहां से विदेश निर्यात होता है। नतीजतन मुनाफे का बड़ा हिस्सा दूसरे राज्यों के कारोबारी उठाते हैं, जबकि स्थानीय कारोबारी-कारीगर पीछे रह जाते हैं। सरकार राज्य के हथकरघा और हैंडीक्रॉफ्ट उत्पादों में चिकन को भी शामिल करे तो इस हस्तकला को भी प्रोत्साहन मिलेगा। कारीगरों की स्थिति भी सुधरेगी और निर्यात बढ़ने से राज्य सरकार को राजस्व भी ज्यादा मिलेगा।

आधारभूत ढांचा दुरुस्त हो

राजधानी में पर्यटकों के लिए वैसे तो बहुत कुछ है, लेकिन सबसे पहले बुनियादी जरूरतों जैसे सड़कें व फुटपाथों को दुरुस्त करने की आवश्यकता है। शहर में गंदगी का अंबार है। बागों के शहर के नाम से मशहूर इस नवाबी शहर में उजड़े बाग-बगीचों को संवारे जाने की भी जरूरत है। यह कहना है गोमती नगर स्थित मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो.मनोज दीक्षित का।

वह कहते हैं कि हुसैनाबाद हेरीटेज वॉक की तर्ज पर कैसरबाग हेरीटेज वॉक व फूड वॉक को भी जल्द से जल्द शुरू किया जाए। इसके अलावा लखनऊ के शिल्प व संस्कृति से पर्यटकों को रू-ब-रू कराने के लिए खुले स्थान पर हॉट विकसित कर इसका प्रदर्शन किया जाना चाहिए। लखनऊ व अन्य शहरों जैसे आगरा, बनारस, दुधवा व दिल्ली से संपर्क बेहतर बनाना भी जरूरी है। इससे पर्यटकों की आमद बढ़ेगी।

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