भारत बंद का दूसरा दिन: 80 गिरफ्तारी, सुरक्षा बढ़ाई

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नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत बंद के दूसरे दिन गुरुवार को हिंसक घटनाओं की आशंका के चलते नोएडा की सुरक्षा बढ़ा दी गई। बुधवार को यहां पर हुई हिंसक झड़पों में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस अभी तक करीब 80 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। नोएडा में आज सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षाबलों की अतिरिक्त कंपनियां भी लगाई गई हैं। इस बीच आटो क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मारुति, सुजूकी और हीरो कॉर्प के कर्मचारियों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का ऐलान कर दिया है।

प्रमुख मजदूर संगठनों की तरफ से बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल की आंच निजी क्षेत्र तक जा पहुंची है। श्रमिक समस्या से जूझ रही देश की तीन प्रमुख ऑटो कंपनियों (मारुति सुजुकी, हीरो और सुजुकी) की यूनियनों ने हड़ताल के अंतिम दिन इसमें शामिल होने का ऐलान कर दिया है। एसोचैम ने हड़ताल के चलते देश को 26 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जतायी है। अकेले दिल्ली एनसीआर में इस हड़ताल से करीब ढ़ाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

पहले से ही घटती बिक्री से परेशान तीनों कंपनियों के उत्पादन पर इसका विपरीत असर पड़ने के आसार हैं। इन तीनों के अलावा दिल्ली के आसपास स्थित कुछ अन्य कंपनियों में श्रमिकों के एक दिन के हड़ताल पर जाने की संभावना है।

इन तीनों कंपनियों की फैक्ट्रियां राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में है। देश की दिग्गज कार निर्माता मारुति सुजुकी के श्रमिक संगठनों से जुड़े लोगों ने कहा है कि कंपनी के दोनों प्लांट गुड़गांव और मानेसर में गुरुवार को कामकाज नहीं होगा। इसी तरह से देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के श्रमिक संगठन ने भी राष्ट्रव्यापी हड़ताल के अंतिम दिन शामिल होने की बात कही है। जापान की बाइक निर्माता सुजुकी के श्रमिक संगठन ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा कर दी है।

इन तीनों कंपनियों में पहले से ही श्रमिक विवाद चल रहा है। मारुति के मानेसर प्लांट में हिंसक वारदात हो चुकी है। हीरो मोटोकॉर्प में प्रबंधन और श्रमिकों के बीच वेतन वृद्धि को लेकर लगातार बातचीत हो रही है, लेकिन अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।

औद्योगिक गतिविधियों पर नजर रखने वाली संस्था एसोचैम ने हड़ताल के चलते देश को 26 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जतायी है। पहले यह अनुमान 20 हजार करोड़ का लगाया गया था। संस्था ने बुधवार को एक विज्ञप्ति जारी करके कहा कि दो दिनों की इस हड़ताल का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर असर पड़ सकता है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हड़ताल का जिस प्रकार से असर हुआ है, उसके मद्देनजर नुकसान बढ़ा है।

दिल्ली एनसीआर में ढाई हजार करोड़ का नुकसान :-

कर्मचारी व मजदूर संगठनों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का असर दिल्ली में भी दिखा। हड़ताल के पहले दिन बुधवार सुबह राजधानी की सड़कों से हजारो ऑटो व टैक्सियां गायब रहीं। यात्रियों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा। माल ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्ट न मिलने से बाजारों से रौनक गायब रही। अनुमान लगाया गया है कि हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में करीब ढाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

बुधवार को बाजार तो खुले रहे मगर थोक कारोबार प्रभावित रहा। ट्रांसपोर्ट न मिलने से दूर से खरीददारी करने ग्राहक नहीं आए। बैंकिंग व डाक सेवाएं भी प्रभावित हुईं। कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक हड़ताल के पहले दिन दिल्ली एनसीआर में कम से कम 2500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने गुरुवार को भी इतना ही नुकसान होने की आशंका जताई है।

एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने भी करोड़ों के नुकसान की आशंका जताई है।

जगह-जगह प्रदर्शन से ट्रैफिक हुआ जाम :-

लंबित मांगों को लेकर मजदूर संगठनों ने हड़ताल के साथ जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर रोष जाहिर किया। आइटीओ, दिल्ली गेट, राजघाट, जंतर- मंतर को जाने वाली सड़कों पर दिन में ट्रैफिक की समस्या से भी लोगों को रुबरू होना पड़ा। जनशक्ति रेलवे कुली यूनियन के बैनर तले कुलियों की समस्याओं को लेकर जंतर-मंतर पर रैली का आयोजन किया गया। इस रैली को लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान के साथ महासचिव अब्दुल खालिक, प्रदेश अध्यक्ष विनोद नागर ने संबोधित किया।

रैली में सभी रेलवे जोन, मंडल, जंक्शन एवं कार्यरत स्टेशनों के हजारों कुलियों ने हिस्सा लिया। मंहगाई, श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन, ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने के खिलाफ मजदूर संगठनों के हड़ताल का नार्दन रेलवेमैन्स यूनियन ने समर्थन दिया है। बड़ौदा हाउस स्थित उत्तर रेलवे मुख्यालय के बार यूनियन की सभा को ऑल इंडिया रेलवेमैन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने भी संबोधित किया। भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।

नेशनल पैंथर्स पार्टी के महासचिव राजीव जौली खोसला ने बंद का समर्थन किया और लोगों को समझाया कि शांतिपूर्ण बंद करना मौजूदा स्थिति को देखते हुए जरूरी है। निर्माण मजदूर अधिकार अभियान धर, इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन ने हड़ताल को समर्थन दिया है। आइटी अधिकारी आए दफ्तर, हड़ताल पर रहे कर्मचारी मजदूर संगठनों के देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल के कारण आयकर विभाग में भी लगभग कामकाज ठप रहा।

हालांकि, अधिकारी दफ्तरों में पहुंचे पर विभाग के 4500 कर्मचारियों ने दफ्तर परिसर में हड़ताल का मोर्चा संभाले रखा। इससे दिल्ली सर्कल आयकर विभाग में करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। आयकर विभाग में ग्रुप बी के गैर राजपत्रित अधिकारियों, गु्रप सी व चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने काम नहीं किया। इस कारण चालान, आयकर से जुड़ी लोगों की शिकायतों, गलतियों में सुधार से संबंधित कार्य नहीं हो पाए।

आयकर कर्मचारी फेडरेशन के प्रेजिडेंट अशोक कुमार कनौजिया ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा। महासचिव ओमवीर सिंह ने कहा कि अनुबंध पर रखे गए कर्मचारियों का वेतन भी तय होना चाहिए।

नोएडा में गुरिल्ला युद्ध की तरह आतंक :-

शहर में बुधवार को होजरी कांप्लेक्स में उपद्रवियों ने गुरिल्ला की तरह फैक्ट्रियों में आतंक मचाया। सुबह से ही इधर-उधर जाकर उपद्रवियों ने कई फैक्ट्रियों में तोड़फोड़ की। बीच-बीच में कई तरह की अफवाहों के साथ भीड़ उग्र होती रही और पुलिस के साथ भिड़ती रही। कभी पुलिस तो कभी उपद्रवी हावी हो जाते। फेज दो स्थित होजरी कांप्लेक्स के कई कारोबारियों ने फैक्टरी के अंदर लूट करने का आरोप लगाया।

उपद्रवियों ने कंपनी के अंदर घुसकर पहले काम बंद कराया और तोड़फोड़ करने के बाद गारमेंट व अन्य निर्मित सामान लूट लिया। भंगेल से आगे बढ़ते ही सड़क पर जाम लगाते बंद समर्थकों ने आम राहगीरों से बदतमीजी भी की। सड़क पर कई स्थानों पर जाम लगा दिया और टायर जलाए। घटना के बाद फेज दो इलाके में एडीजी एनसीआर ओपी सिंह, मेरठ कमिश्नर मृत्युंजय कुमार, डीएम एमकेएस सुंदरम, एसएसपी शलभ माथुर, एसपी सिटी योगेश सिंह सहित तमाम आला अधिकारी पहुंचे। इनके काफिले के साथ गाजियाबाद पुलिस की टीम व पीएसी थी। सेक्टर-62 एक्सपो सेंटर में सेमिनार में शामिल होने मेरठ जोन से पुलिसकर्मी आए थे। हंगामे की सूचना पर उन्हें नोएडा पुलिस की मदद के लिए भेजा गया।

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