जमीन लीज रद, रामदेव और हिमाचल सरकार के बीच ठनी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार और योगगुरु बाबा रामदेव के बीच ठन गई है। वीरभद्र सरकार ने सोलन में पतंजलि योगपीठ को पूर्व भाजपा सरकार द्वारा दी गई जमीन का पट्टा रद कर दिया है, लेकिन रामदेव 27 फरवरी को परियोजना के पहले चरण के उद्घाटन पर अडिग हैं। सोलन के साधुपुल में इस जमीन पर पतंजलि योगपीठ के लिए दो मंजिला भवन बनकर तैयार है। बाबा इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर अब तक 11 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं। पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक रामदेव और बालकृष्ण इसके उद्घाटन के लिए यहां आने वाले हैं।

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा आवंटन रद करने के आदेश के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने शुक्रवार को सोलन के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक को शिमला बुलाया गया है। 27 फरवरी से पहले बाबा को यह फैसला रद करने संबंधी नोटिस थमाया जाना है।

सूत्र बताते हैं कि रामदेव के उद्घाटन के वक्त सोलन पुलिस को क्षेत्र सील करने के आदेश भी दिए जा सकते हैं, लेकिन इस मामले में अधिकारी फिलहाल चुप हैं। प्रधान सचिव वीसी फारका कहते हैं, ‘मुझे नहीं मालूम, सचिव राजस्व इस मामले को देख रहे हैं।’ जबकि अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व पार्थसारथी मित्रा कहते हैं कि उन्हें कोई आदेश नहीं आया। लेकिन सूत्र बताते हैं कि रामदेव के तेवरों से सरकार सकते में है कि नोटिस दे या न दे।

इस बीच सोलन के साधुपुल में 27 फरवरी को उद्घाटन की तैयारियां चल रही हैं। साधुपुल में रामदेव हरिद्वार की तर्ज पर अपना दूसरा पतंजलि योगपीठ एवं आयुर्वेदिक संस्थान बनाने जा रहे हैं। इसके लिए पूर्व सरकार ने उन्हें यहां पर 96.8 बीघा भूमि 99 वर्ष के लिए लीज पर दी थी।

जून 2010 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने योगपीठ का शिलान्यास भी कर दिया था। कांग्रेस उसी समय से इसका विरोध कर रही थी कि महाराजा पटियाला द्वारा इंदिरा हॉली डे होम नामक संस्था को दान की गई करोड़ों की भूमि को कौड़ियों के भाव न बेचा जाए। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने यह आवंटन रद कर दिया है।

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