21वीं सदी में भी बिहार का लठउर समाज पुरानी दकियानूसी मान्य-मान्यताओं में जी रहा है। शुक्रवार को रोहतास जिले के अकोरी गांव में इसके चलते एक विवाहिता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी। गलती बस इतनी थी कि पति को बताए बिना वह अपने बीमार रिश्तेदार को देखने बहन के घर चली गई।
मलक लठउर की पत्नी कांति बुधवार की शाम परिजनों को बिना बताए अपनी बड़ी बहन की ससुराल चली गई थी। उसके बहन के पति की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। इधर समाज में उसके गायब होने की खबर फैल गई। जितने मुंह उतनी बातें। गुरुवार को जब वह लौटी तो बिफरे पति ने चरित्र का प्रमाण देने को कहा। मामला समाज तक पहुंचा और यहां भी पति की मांग पर मुहर लग गई। समाज की महिलाओं ने भी कहा चरित्र के प्रमाण के रूप में अग्नि परीक्षा तो देनी ही पडे़गी। समाज ने कांति की एक न सुनी।
रिवाज के मुताबिक साढे़ तीन हाथ लंबी लकड़ियां बिछाकर उसमें आग लगाई गई और विवाहिता को जलती लौ से गुजरना पड़ा। समाज में मान्यता है कि चरित्र खराब होगा तो महिला जिंदा नहीं रहेगी। खैर, महिला जिंदा तो बच गई, लेकिन उसके पैरों में बड़े-बड़े छाले पड़ गए।