मेरे पति की हत्या सोची समझी साजिश है: परवीन

my-husband-murder-was-conspiracyparveen-azad 2013-3-5लखनऊ। प्रतापगढ़ के सीओ जिआउल हक की पत्नी परवीन ने कहा है कि सोची समझी साजिश के तहत उनके पति की हत्या हुई है। परवीन ने दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। इधर इस हत्याकांड को लेकर संसद काफी हंगामेदार रही। लोकसभा पूरे दिन के लिए तो राज्यसभा दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। दो सदन में बसपा के सदस्यों ने यह मामला उठाया। ज्ञात हो कि बसपा उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक आज क्षेत्र की सपा विधायक सीएम द्वारा घोषित सरकारी नौकरी के प्रमाण पत्र पीड़ित के घर ले जाएंगी।

गौरतलब है कि प्रतापगढ़ जिले की कुंडा तहसील के बलीपुर गांव में ग्रामीणों के साथ संघर्ष में हुई पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। बसपा, भाजपा और कांग्रेस ने राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा करके कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर तीखे प्रहार किए। विपक्ष मुख्यमंत्री के निष्पक्ष कार्रवाई के आश्वासन से संतुष्ट नहीं था। दिल्ली में बसपा अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग की है, तो जवाब में सपाध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए उनकी तुलना चलनिया [चलनी] से कर डाली। विपक्ष के आरोपों की तपिश के बीच सोमवार को सुबह रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहीद के गांव पहुंचकर हत्याकांड की सीबीआइ जांच की घोषणा की और 50 लाख की आर्थिक मदद दी।

मुख्यमंत्री के आकर हत्या के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आश्वासन की शहीद की पत्‍‌नी परवीन आजाद की मांग के बाद अखिलेश यादव सोमवार शाम देवरिया के नूनखार गांव पहुंचे। वहां उन्होंने परवीन आजाद और शहीद डीएसपी के बाकी परिजनों से मिलकर उन्हें मामले की सीबीआइ जांच का भरोसा दिया और आर्थिक मदद सहित हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इससे पहले शनिवार रात हुई घटना के बाद आरोपों की तपिश झेल रहे प्रदेश के खाद्य मंत्री रघुराज प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उन्हें अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने खुद को बेगुनाह बताते हुए राजनीतिक साजिश का शिकार बनाए जाने की बात कही। लेकिन विपक्ष राजा भैया की इस सफाई से संतुष्ट नहीं था। उसने चर्चा और कार्रवाई की मांग को लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया। उधर बसपा अध्यक्ष मायावती ने दिल्ली में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बदतर बताते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग कर डाली।

कुंडा इंस्पेक्टर समेत तीन निलंबित

प्रदेश सरकार ने मामले के दिन लापरवाही बरतने वाले आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन सभी पर उपाधीक्षक को छोड़कर घटनास्थल से भाग जाने का आरोप है। निलंबित किए तीन कर्मियों में कुंडा थाने के प्रभारी निरीक्षक सर्वेश मिश्रा, वरिष्ठ उप निरीक्षक विनय कुमार और शहीद डीएसपी का अंगरक्षक इमरान हैं। बाकी पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

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