नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने पेश होने की भाजपा नेता यशवंत सिन्हा की मांग ठुकरा दी है। मनमोहन सिंह ने यशवंत सिन्हा के पत्र के जवाब में कहा कि उनके पास इस मामले में छुपाने को कुछ नहीं है और सभी जरूरी दस्तावेज जेपीसी को मुहैया कराए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री के साथ कांग्रेस के रुख से भी साफ है कि मनमोहन सिंह जेपीसी के समक्ष उपस्थिति नहीं होंगे।
प्रधानमंत्री ने यशवंत सिन्हा को लिखे पत्र में जवाब में दिया है कि, क्या साक्ष्य पेश होने चाहिए और किसे संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष पेश करने को कहा जाए, इस तरह के फैसले जेपीसी और उसके अध्यक्ष द्वारा आंतरिक रूप से तय करें। उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ भाजपा नेता और संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य सिन्हा ने दो दिन पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखा था। सिन्हा ने उन्होंने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा की जेपीसी से की गई मांग को आगे बढ़ाया था। राजा ने कहा था कि प्रधानमंत्री को समिति के समक्ष पेश होना चाहिए। राजा का आरोप था कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में प्रधानमंत्री व तत्कालीन वित्त मंत्री भी शामिल थे। इस पर जेपीसी अध्यक्ष पीसी चाको ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
दरअसल, प्रधानमंत्री के पेश होने की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए जेपीसी में सिन्हा और भाजपा के पांच अन्य सदस्यों ने पिछले साल कुछ समय के लिए समिति की कार्यवाही का बहिष्कार किया था। सिन्हा ने दलील दी थी कि संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) जब 2जी घोटाले की जांच कर रही थी, तो प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष पेश होने की पेशकश की थी। अब उन्हें जेपीसी के समक्ष पेश होने से भी नहीं हिचकिचाना चाहिए।