दीपक भारद्वाज मर्डर: हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद

deepak bhardwajनई दिल्ली। अरबपति कारोबारी व बसपा नेता दीपक भारद्वाज हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए हथियारों को पुलिस ने जब्त करने का दावा किया है। ये हथियार बुधवार देर रात हरियाणा के झज्जर से बरामद किया गया है। पुलिस ने मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों से पूछताछ के बाद बताया है कि हत्या के पीछे मुख्य रूप से संपत्ति विवाद है और इसमें मुख्य साजिशकर्ता के रूप में दो महंतों का नाम सामने आ रहा है। महंतों को पकड़ने के लिए पुलिस महाराष्ट्र, उत्तराखंड व हरियाणा में दबिश दे रही है। इस मामले में पुलिस पहले से ही दोनों शूटर सुनील मान उर्फ सोनू व पुरुषोत्तम राणा उर्फ मोनू समेत इनकी मदद करने वाले अमित व राकेश उर्फ भोला को गिरफ्तार कर चुकी है।

हत्या की साजिश में जिन दो महंतों के नाम सामने आ रहे हैं उनमें से एक स्वामी प्रतिभानंद और दूसरे का नाम आनंद बताया जा रहा है। पुलिस फिलहाल इसे अहम कड़ी मानकर जांच कर रही है। इस बीच जांच में पता चला है कि एक मार्च को प्रतिभानंद पुरुषोत्तम को साथ लेकर फार्म के अंदर गया था। इसके अलावा 26 मार्च को हत्या के बाद चरखी दादरी भागे पुरुषोत्तम व सुनील ने प्रतिभानंद को फोन करने की कोशिश की थी। लेकिन प्रतिभानंद का फोन स्विचऑफ होने के कारण बात नहीं हो सकी और दोनों खुली जगह पर कार में ही सो गए।

बुधवार को डीसीपी छाया शर्मा ने संकेत भी दिया कि संपत्ति को लेकर ही भारद्वाज की हत्या कराई गई है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि हो सकता है मामले में एक अहम सूत्रधार की गिरफ्तारी जल्द हो जाए।

कौन है आनंद?

महंत आनंद के पूरे नाम का खुलासा नहीं किया गया। कयास लगाया जा रहा है आनंद का संबंध काशी से है। हालांकि, परिवार से नजदीकी संबंध रखने वाले महंत आनंद जी महाराज हत्या की खबर सुनकर 26 मार्च को दीपक भारद्वाज के एनएच-8 रजोकरी स्थित नीतेश कुंज फॉर्म हाउस पर आए भी थे। वहां से वह एम्स अस्पताल भी गए थे। मंगलवार को मीडिया से हुई बातचीत में वह अपनी संलिप्तता से इन्कार कर चुके हैं।

प्रतिभानंद के नाम से खरीदी थी जमीन

प्रतिभानंद मूलरूप से हरियाणा के बहादुरगढ़ का रहने वाला है और हरिद्वार में उसका कानखा पिपलेस्वरी नाम से आश्रम है। यह वर्षो पूर्व दिल्ली के बिरला मंदिर में पुजारी रह चुका है। पुरुषोत्तम काफी पहले इसका चालक रह चुका है। सूत्रों की मानें तो पुलिस का फोकस हरिद्वार पर भी है जहां दीपक भारद्वाज की टाउनशिप बन रही है। बताया जा रहा है कि भारद्वाज हरिद्वार, बहादुरगढ़ व हरियाणा में अन्य स्थानों पर प्रतिभानंद के नाम से ही जमीन खरीदते थे। वहां टाउनशिप की देखरेख प्रतिभानंद ही कर रहा था। बहादुरगढ़ के पास भारद्वाज ने 30 एकड़ जमीन खरीदी थी। वहां से अब एक्सप्रेस-वे गुजरना है जिससे जमीन की कीमत बहुत बढ़ गई है। यह जमीन कौड़ियों के भाव खरीदी गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार महंत दीपक भारद्वाज से यह जमीन पुरानी दर पर मांग रहा था। इसलिए माना जा रहा है कि हत्या का यह एक प्रमुख कारण हो सकता है। बताया तो यह भी जा रहा है कि जमीन को लेकर दो महीने पूर्व भारद्वाज व महंत के बीच विवाद हो गया था। ज्ञात रहे 26 मार्च की सुबह 9 बजे सुनील मान व पुरुषोत्तम राणा ने दीपक भारद्वाज की उनके फार्महाउस में गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात के बाद दोनों कार से भाग गए थे। कार अमित चला रहा था।

केस में कब क्या हुआ

26 मार्च-दक्षिण दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग 8 स्थित नितेश कुंज फार्महाउस में दीपक भारद्वाज की गोली मारकर हत्या। हत्यारों की तस्वीर सीसीटीवी में कैद

27 मार्च- पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त स्कोडा कार के मालिक राकेश को बाहरी दिल्ली से खोज निकाला

28 मार्च- पूछताछ में हत्या को अंजाम देने वाले पुरुषोत्तम और सुनील का नाम सामने आया

29 मार्च- पुलिस ने कार चलाने वाले अमित की पहचान कर ली और हिरासत में ले लिया

30 मार्च- दीपक भारद्वाज की पत्‍‌नी रमेश कुमारी व उनके दोनों बेटे हितेश व नितेश से हुई पूछताछ

31 मार्च- जहांगीरपुरी से अमित को हिरासत में लिया। शूटर पुरुषोत्तम व सुनील के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर

1 अप्रैल-चारों की गिरफ्तारी दिखाई गई, राकेश को रिमांड पर लिया।

2 अप्रैल- पुरुषोत्तम, सुनील व अमित को रिमांड पर लिया। गुरु स्वामी का नाम सामने आया।

3 अप्रैल- महंत प्रतिभानंद द्वारा पुरुषोत्तम को सुपारी देने की बात सामने आई।

4 अप्रैल – हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद।

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