लावारिस शव की जगह आसाराम बापू का फोटो

asaram bapuनई दिल्ली। अपने विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले संत आसाराम बापू एक बार फिर चर्चा में हैं। हालांकि इस बार उनके चर्चा में होने की वजह कोई बयान या उनका कोई नया कारनामा नहीं है बल्कि दिल्ली और अलीगढ़ पुलिस की लापरवाही है।

दिल्ली पुलिस की वेबसाइट जिपडॉटनेट सेवा पर एक लावारिस शव की जगह संत आसाराम बापू का फोटो अपलोड कर दिए जाने से अब एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया। हालांकि भारी विरोध के बाद एसएसपी ने खुद आसाराम बापू का फोटो साइट से हटवा दिया है।

जानकारी के मुताबिक, पिछले महीने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक सिर कटा शव मिला था। जब इस शव की पहचान नहीं हो पाई तो पुलिस ने उसकी सूचना दिल्ली पुलिस के जिपडॉटनेट सेवा को दे दी। जब शव को पहचाने वाला कोई नहीं मिला तो फोटो का स्थान खाली छोड़ दिया गया। जिसका फायदा उठाते हुए किसी ने खाली स्थान पर संत आसाराम का फोटो अपलोड कर दिया।

संत आसाराम आश्रम के मीडिया प्रभावी डॉ. सुनील वानखेड़े ने इसे बापू को बदनाम करने की साजिश बताया है। उनके मुताबिक, पिछले कुछ समय से आसाराम बापू को देश में बदनाम करने की साजिश चल रही है।

क्या है जिपडॉटनेट?

यह दिल्ली पुलिस की गुमशुदा और अज्ञात लाशों के डाटा संबंधी वेबसाइट है, जिसमें मदद के लिए आसपास के जिलों से भी सूचनाएं डाउनलोड होती हैं।

इसके लिए जिलों के डीएम व एसएसपी को पासवर्ड दे रखे हैं। वही किसी को अधिकृत कर सूचना डाउनलोड कराते हैं। (सूचनाओं का संकलन यूपी पुलिस की मर्जी पर निर्भर है)

ये अपने यूपी की सेवा:

डिस्ट्रिक क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) यूपी पुलिस की सेवा है, जिसमें गुमशुदा और अज्ञात लाशों का ब्योरा यूपी पुलिस की वेबसाइट पर डाउनलोड होता है।

नियम है कि अज्ञात लाश व गुमशुदा का विवरण थाना स्तर से फोटो सहित डीसीआरबी भेजा जाएगा। वहां कर्मचारी डाउनलोड करेगा। (सूचनाओं का संकलन यूपी पुलिस के लिए अनिवार्य है)

एसएसपी, अलीगढ़ अमित पाठक के अनुसार यह दिल्ली पुलिस की अपनी सेवा है। एनसीआर के करीब होने के कारण हमें इसमें मदद के लिए कोड दिए गए हैं। इसके चलते सिविल लाइन की सूचना, उसमें अपलोड की गई थी। यह अनजाने में हुई भूल है।

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