पाक हैं हम..नापाक नहीं

many-people-returned-to-pakistan-by-bsf-जालंधर। 28 अगस्त 1990 को भिखीविंड से रास्ता भटककर पाकिस्तान सीमा में घुसा सरबजीत 23 साल बाद लाश बन वतन लौटा है। मगर पाकिस्तान की तरह हमारे वतन का सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ‘नापाक’ नहीं है। पाक नाम से पाक है तो हम मन से ‘पाक’ हैं।

पंजाब में पड़ोसी देश की सरहद पर तैनात बीएसएफ ने पाकिस्तान को देश की इंसानियत का चेहरा दिखाया है। पिछले तीन दिनों से सरबजीत की मौत पर पाक से खफा देश जब क्रोध की आग में जल रहा था, तब भी बीएसएफ अपना इंसानियत का धर्म निभा रहा था। सरबजीत पंजाब का था, इसलिए यहां तैनात बीएसएफ गलती से सीमा पार जाने वाले का दर्द समझती है। पिछले तीन दिन में बीएसएफ ने एक पाक किशोरी समेत तीन लोगों को उसी दिन पाकिस्तान को लौटाया, जिस दिन वह गलती से सीमा पार पहुंचे। सरबजीत जिस तरह से पाकिस्तानी सीमा में घुसा था उस तरह से कई पाकिस्तानी आए दिनों पंजाब की सीमा में घुस आते हैं, पर बीएसएफ उन्हें सुरक्षित उनके देश वापस भेज देती है।

बीएसएफ ने इसी साल एक नहीं, दो नहीं, बल्कि आठ पाकिस्तानियों को उसी दिन उनके वतन भेजा है, जो गलती से भारतीय सीमा में आ गए थे। सरबजीत सिंह की हत्या को लेकर पूरे देश के लोगों में गुस्सा है। पाकिस्तान सरकार के रवैये को लेकर भारत के लोग रोष में और काफी नाराज हैं।

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