खुर्शीद पहुंचे चीन, सीमा विवाद के घाव भरने की होगी कोशिश

indian-foreign-ministers-visit-to-china-from-todayनई दिल्ली । भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को चीन पहुंच गए है। दोनों देशों के बीच लद्दाख में हालिया सीमा विवाद के निपटारे के बाद हो रही इस भारतीय विदेश मंत्री की बीजिंग यात्रा में सीमा के अलावा व्यापार समेत द्विपक्षीय रिश्तों के अनेक पहलुओं पर बात होनी है।

विदेश मंत्री के तौर पर जहां सलमान खुर्शीद की यह पहली चीन यात्रा है, वहीं मार्च में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद चीन में भी नए विदेश मंत्री हैं। चीन दौरे पर रवानगी से पहले विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों में काफी परिपक्वता आई है और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पैदा हुई स्थिति को सुलझाने में इसका नमूना देखने को मिला।

हालांकि खुर्शीद ने साथ ही यह भी कहा कि संबंधों को सुधारने के लिए केवल शब्द ही काफी नहीं हैं। उनका इशारा चीनी नेतृत्व की ओर से रिश्तों को सुधारने के लिए कही गई बातों की ओर था। महत्वपूर्ण है कि मार्च में सत्ता संभालने के बाद नए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत के साथ संबंध सुधार के नए पंचशील सिद्धांत की बातें की थी। लेकिन, इसके कुछ ही दिनों के बाद चीनी सैनिकों ने वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर भारतीय हद में तंबू गाड़ दिए थे। यह गतिरोध तीन हफ्ते बाद सुलझाया जा सका।

यात्रा में खुर्शीद नए चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत के अलावा चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग से भी मिलेंगे। साथ ही इस दौरान प्रधानमंत्री बनने के बाद खछ्यांग की 19 मई से शुरू हो रही तीन दिवसीय भारत यात्रा की भी तैयारियों होंगी।

सीमा विवाद

भारतीय विदेश मंत्री की बीजिंग यात्रा में चीन की ओर से भी सीमा मामेल पर बातचीत के संकेत दिए गए। खुर्शीद की यात्रा से पहले चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ह्वा छुनयिंग ने कहा कि सीमा विवाद का अच्छी तरह समाधान दोनों देशों के मूल हितों से मेल खाता है और यह दोनों पक्षों की समान अभिलाषा भी है। चीन भारत के साथ मिलकर सीमा क्षेत्र की शांति और अमन चैन बनाए रखने की व्यापक कोशिश करने को तैयार है। सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भी अपनी रिपोर्ट ने कहा है कि भारत चीन विदेश मंत्री स्तर वार्ता में सीमा विवाद का मुद्दा हावी रहेगा।

व्यापार असंतुलन

खुर्शीद के दौरे में दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन का मु्द्दा भी उठेगा। भारत चीनी बाजार में अपने फार्मास्यूटिकल उद्योग और सूचना प्रोद्योगिकी कंपनियों के लिए सहूलियतें चाहता है। दोनों देशों के बीच 2012 में द्विपक्षीय व्यापार 66 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर चुका है। हालांकि कारोबारी रिश्तों में पलड़ा चीन की ओर झुका है और भारत का व्यापार घाटा 29 अरब डॉलर का है। भारत की कोशिश इसे संतुलित करने की है। दोनों देशों ने 2015 तक आपसी व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।

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