करौंथा: सतलोक आश्रम पर बढ़ा तनाव, बीच-बचाव में आए रामदेव

ramdevरोहतक। करौंथा स्थित सतलोक आश्रम को खाली कराने की जिला प्रशासन की कोशिश से तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। संत रामपाल के अनुयायी इसका कड़ा विरोध करने की तैयारी में हैं। इस बीच किसी भी आशंका से निपटने के लिए काफी मात्रा में पुलिस फोर्स व रोडवेज की सैकड़ों बसें सतलोक आश्रम पहुंच गई हैं। इस बीच योग गुरू रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण भी आश्रम विवाद को लेकर बीच बचाव में उतर आये हैं। मंगलवार को रामदेव रोहतक पहुंचे। हालांकि माना यह भी जा रहा है कि वह खुद इस आश्रम को शांतिपूवर्क हटाने के पक्ष में हैं।

प्रशासन ने भी सभी लोगों से शांतिपूर्ण ढंग से खाली करने की अपील की है। इस बची खबर है कि इस विवाद को लेकर प्रशासन और आश्रम के बीच समझौता भी हुआ है। रोहतक पहुंच कर रामदेव ने कहा है कि जिन गांववालों पर केस दर्ज हुए हैं उन्हें भी वापस लिया जाए। रामदेव करोथा गांव जाकर मृतकों के घरवालों से मिलेंगे और अस्पताल जाकर घायलों से भी मुलाकात करेंगे।

शासन मंगलवार को कोर्ट से सर्च वारंट लेकर आश्रम खाली कराने की तैयारी कर रहा है, लेकिन आर्य समाज और ग्रामीणों का आक्रोश कम नहीं हो रहा है। मंगलवार सुबह फिर आक्रोशित लोगों ने रोडवेज की तीनों बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया है जिससे स्थिति एक बार फिर बिगड़ती दिख रही है। सतलोक आश्रम को खाली कराने के लिए आर्य समाज और ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। जिला प्रशासन मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट से सर्च वारंट जारी कराने के बाद आश्रम को खाली कराने की तैयारी कर रहा था।

इसके लिए रोडवेज की बसों को करौंथा आश्रम भेजना शुरू कर दिया था ताकि आश्रम में मौजूद अनुयायियों को बसों में भरकर सुरक्षित स्थान पर भेजा जा सके। पुलिस फोर्स और सीआरपीएफ के जवान भी करौंथा में तैनात कर दिए गए थे। लेकिन जिला प्रशासन की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब प्रदर्शनकारियों ने करौंथा गांव में भेजी तीन रोडवेज बसों में तोडफोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया।

ऐसे में प्रशासन ने बाकी बसों को करौंथा से पहले ही रोक लिया गया है ताकि प्रदर्शनकारी उन बसों को भी तोडफ़ोड़ न कर दें। उधर, पीजीआइ के पोस्टमार्टम हाउस में आचार्य उदयवीर के शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया मंगलवार 11 बजे तक शुरू नहीं हो सकी थी।

माना जा रहा है कि जिला प्रशासन अगर करौंथा सतलोक आश्रम को खाली कराने का प्रयास करता है तो रामपाल दास के अनुयायी भी भड़क सकते हैं। अनुयायी पहले ही जिला प्रशासन को चेता चुके हैं कि आश्रम को किसी हालत में खाली नहीं होने देंगे, इसके लिए चाहें जान की बाजी क्यों न लगानी पड़ी। अनुयायी अपने संत रामपाल दास पर केस दर्ज करने से भी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से खासे नाराज हैं। ऐसे में स्थिति किसी भी वक्त विस्फोटक हो सकती है।

ध्मालूम हो कि करौंथा रविवार सुबह से शुरू हुई हिंसा की घटनाओं में एक महिला समेत तीन लोगों को मौत और दर्जनों के लोगों के घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री ने मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए थे। रविवार को हिंसक झड़प के दौरान मारी गई करौंथा निवासी प्रोमिला के मामले में पुलिस ने आश्रम संचालक संत रामपाल व उनके अनुयायियों पर हत्या का केस दर्ज किया था। सोमवार देर शाम योग गुरु बाबा रामदेव भी आर्य समाजियों के समर्थन में रोहतक पहुंच गए। मामले के शांतिपूर्ण हल के लिए देर रात अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ में वे जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, महंत चांदनाथ, आचार्य बलदेव के साथ मंत्रणा में जुटे थे।

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