तो दोस्त ही करवा देता उसे अगवा

arestआगरा। आगरा के प्रमुख उद्योगपति और ज्वाला टॉकीज के मालिक हकीकत राय मल्होत्रा के पुत्र रोनित मल्होत्रा के अपहरण की योजना का खुलासा हुआ है। आगामी तीन दिनों में इसे अंजाम दिया जाना था। अपहरण कोई और नहीं बल्कि उसका जिगरी यार ही कराने वाला था। इसके लिए उसने चंबल घाटी के एक गिरोह के साथ पूरा प्लान तैयार कर लिया था, लेकिन एक सदस्य के पकड़े जाने की वजह से योजना पर पानी फिर गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद दुबे ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेंटजोंस डिग्री कालेज में बीएससी सेकेंड इयर के छात्र रोनित का पिनाहट के आशू से गहरा दोस्ताना था। दोनों साथ कॉलेज जाते थे। इसका लाभ उठाते हुए आशू ने बंटी परिहार गिरोह से मिलकर रोनित के अपहरण की योजना बनाई। योजना के अनुसार, आशू उसे बहाने से पिनाहट ले जाता। वहां से बीहड़ घुमाने के लिए तैयार किया जाता, जहां पहले से ही गिरोह के सदस्य मौजूद रहते।

वहीं, उसे गिरोह के हवाले कर दिया जाता। अपहरण के बाद परिजनों से एक करोड़ रुपये की फिरौती वसूली जानी थी। इसके बाद भी रोनित को रिहा न करके उसकी हत्या कर दी जाती, क्योंकि योजना में सामने आया था कि यदि उसे रिहा किया गया तो दोस्त की पहचान हो जाएगी।

जानिए, कैसे ध्वस्त हुई योजना

बंटी गिरोह के सदस्यों पर एसटीएफ की नजर थी। मंगलवार को गिरोह सदस्य जितेंद्र उर्फ जीतू की लोकेशन सुबह बाइपास खंदारी चौराहे पर मिली। एसटीएफ ने उसका पीछा करना शुरू किया और उसे दयालबाग कल्यानी हाइट के पास मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया।

उसने पूछताछ में बताया कि वह बाज का पुरा मंसुखपुरा का रहने वाला है। उद्योगपति के पुत्र के अपहरण की पूरी योजना का खुलासा करते हुए उसने बताया कि इसके लिए बंटी और आशू के बीच तीन-चार दिन पहले ही लंबी बात हुई थी। इसमें हर चीज तय कर ली गई थी।

अपहरण में उसने अपनी भूमिका के बारे में बताया कि उसे रोनित की फिरौती तक खाने का इंतजाम करना था। पुलिस अब रोनित के दोस्त की तलाश कर रही है, जो जीतू के पकड़े जाने की जानकारी के बाद तुरंत गायब हो गया। बंटी गैंग ने कुछ दिन पहले फतेहाबाद के गढ़ी उदयराम से एक बच्चे का अपहरण किया था। उसके परिजनों से 15 लाख रुपये की फिरौती वसूली गई थी।

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