रजामंदी से सेक्स पर पुरुष पर नहीं चलेगा रेप का मुकदमा

indian supreem courtनई दिल्ली। किसी बालिग युवती से शादी का इरादा हो व रजामंदी से सेक्स संबंध बने और किसी वजह से शादी नहीं हो तो पुरुष के खिलाफ रेप का मुकदमा नहीं चल सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए यह व्यवस्था दी। हाई कोर्ट ने एक युवक को रेप का दोषी ठहराते हुए निचली अदालत से सुनाई गई सात साल कैद की सजा को बरकरार रखा था।

न्यायमूर्ति बीएस चौहान और दीपक मिश्र की पीठ ने कहा कि यदि लड़की प्यार और जुनून में उसके साथ यौन संबंध बनाने को राजी हो जाती है और युवक का कोई गलत इरादा नहीं हो तो उसे रेप का अभियुक्त नहीं बनाया जा सकता। अदालत ने कहा कि रेप और रजामंदी से यौन संबंध बनाने में अंतर है। किसी अभियुक्त को रेप के मामले में दोषी ठहराया जा सकता है बशर्ते अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अभियुक्त का इरादा गलत था और उसके गुप्त मकसद थे।

अदालत निश्चित रूप से यह जांच करेगी कि क्या ऐसा कम उम्र में किया गया, अभियुक्त ने शादी का झूठा वादा करके संबंध बनाया, क्या यौन संबंध की सहमति पूरी तरह से प्रकृति और परिस्थितियों को समझ कर दी गई। ऐसा भी मामला हो सकता है कि महिला अभियुक्त के प्यार और जुनून में उसके साथ यौन संबंध बनाने के लिए तैयार हुई हो और अभियुक्त परिस्थितियों का पहले से अनुमान नहीं लगा पाया हो या वे परिस्थितियां उसके नियंत्रण से बाहर हों और इस वजह से वह उस महिला से शादी नहीं कर पाया हो जबकि उसका इरादा शादी करने का रहा हो।

ऐसे मामलों के साथ निश्चित रूप से दूसरे तरह का व्यवहार होना चाहिए। इस मामले में 19 वर्षीया महिला मित्र से वह शादी करना चाहता था। जांच में ऐसा कुछ भी नहीं पता चला कि उसका शादी का वादा झूठा था।

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