मोदी का पीएम को जवाब, कहा- भ्रष्टाचार से भरा है यूपीए का गिलास

modiअहमदाबाद। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मनमोहन सिंह सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यूपीए का गिलास भ्रष्टाचार से भरा हुआ है। एक कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा, ‘पिछले नौ साल में यूपीए का गिलास भ्रष्टाचार से पूरी तरह भर चुका है। अब इसमें विश्वास के लिए कोई जगह नहीं बची है। दुर्भाग्य से आम आदमी को भ्रष्टाचार से भरे इसी गिलास में से कुछ लेना पड़ता है।’

मोदी ने कहा कि देश में इस समय खराब शासन के चलते नीति निर्धारण प्रक्रिया को लकवा मार गया है। उन्होंने केंद्र पर अपने फायदे के लिए सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया। मोदी ने आरोप लगाया कि जो कोई उनकी तारीफ करता है उसको आयकर विभाग की ओर से नोटिस थमा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में देश को लकवा मार गया है। इसका इलाज किसी डॉक्टर के पास नहीं है। फिजियोथेरेपिस्ट ही देश को सलामत रख सकता है।

मोदी ने सोशल मीडिया को लोकतंत्र का पाचवां स्तंभ बताते हुए कहा, इसे नकारने वाले दल और अखबार समूह पिछड़ जाएंगे। इस मौके पर इंफोसिस के कार्यकारी सह-अध्यक्ष, उद्योग संगठन सीआइआइ के अध्यक्ष क्रिस गोपालकृष्णन ने मोदी को वैश्रि्वक नेता बताया। एक अखबार के कार्यक्रम में मोदी ने कहा, ‘दुर्भाग्य से मैं सुन नहीं पाया कि क्रिस गोपालकृष्णन ने गुजरात और मेरे काम की तारीफ की या आलोचना, लेकिन मुझे दो दिन में पता चल जाएगा कि उन्होंने मेरी प्रशंसा की या नहीं, क्योंकि मेरी तारीफ करने वालों को आयकर का नोटिस पहुंचा दिया जाता है।’

गत सप्ताह इंफोसिस के संस्थापक एन.नारायणमूर्ति ने मेरे काम की तारीफ की थी, जिसके बाद आयकर विभाग ने कंपनी को 500 करोड़ का नोटिस थमा दिया था। मोदी ने कहा, उनके खिलाफ सैकड़ों टन अखबार आलोचना व आरोपों से भरे पड़े हैं, लेकिन उन्होंने कभी इन्हें रोकने या दबाने का प्रयास नहीं किया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 को आपातकाल लगाया। तब कई अखबार सरकार के आगे झुक गए थे। उसी मानसिकता के लोग आज भी सत्ता में हैं।

आपातकाल की परंपरा से निकले कई नेता आज भी सोशल मीडिया व आलोचना को बर्दाश्त नहीं कर पाते। केंद्र के दर्जन भर नेता ऐसे हैं, जो आलोचकों को सोशल मीडिया में ब्लॉक कर देते हैं। वहीं, आलोचना-आरोपों के बावजूद मैंने आज तक किसी को ब्लॉक नहीं किया। मोदी ने कहा,सरकार व अखबार किसी बात को दबा नहीं सकते। कई मुद्दों को मीडिया ने छोड़ा, लेकिन सोशल मीडिया के दबाव में उन मसलों को मुख्यधारा का समाचार बनाना पड़ा।

सोशल मीडिया आम जनता की आवाज है। कई बार जनता की राय जानने को वह खुद किसी अखबार के ऑनलाइन एडिशन पर जाकर विषय विशेष पर लोगों की प्रतिक्रिया जानते हैं। संप्रग के चार साल के रिपोर्ट कार्ड पर मोदी ने संतोष जताया कि पीएम ने उनके आधे खाली-आधे भरे गिलास की बात को स्वीकार किया।

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