नक्सली हमला: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व बेटे समेत 27 की हत्या

body-of-kidnapped-chhattisgarh-congress-chief-foundरायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले के बाद अगवा किए गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और उनके बेटे समेत सात अन्य लोगों के शव रविवार को बस्तर जिले की जयराम घाटी से बरामद किए गए। इस हमले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा की पहले ही मौत हो चुकी है, जबकि अन्य कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल की हालत अभी नाजुक बनी हुई है। उन्हें इलाज के लिए गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में लाया गया है। नक्सली हमले में अभी तक करीब 27 लोगों की मौत हो चुकी है।

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डीजीपी राम निवास ने बताया कि इस हमले में 32 लोग घायल हुए हैं। जिले में हो रही जबरदस्त बारिश की वजह से सुरक्षा बलों को तलाशी अभियान में काफी मुश्किलें आ रही हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर शनिवार को उस वक्त नक्सलियों ने हमला कर दिया था, जब वह जगदलपुर जिले में परिवर्तन रैली को संबोधित करने जा रहे थे।

जानिए, कब-कब हुए हमले

इस हमले में आदिवासी नेता कवासी लखमा व पूर्व विधायक फूलो देवी घायल हुए हैं।

जानिए, क्या है सलवा जुडूम

आदिवासी कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा ने सबसे पहले 1991 में नक्सलियों के विरुद्ध ‘जन जागरण अभियान’ चलाया था, जो कि सफल नहीं हो सका था। कर्मा ने 2005 में नक्सली हिंसा के विरुद्ध छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से स्थानीय लोगों को संगठित कर सलवा जुडूम आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन में वे आदिवासी शामिल हुए जो नक्सली हिंसा का शिकार हुए थे। हालांकि सलवा जूडूम पर भी मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे।

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नक्सलियों से लड़ने के लिए आमजनों को हथियार दिए जाने पर सवाल भी उठे। सलवा जुडूम और नक्सली संघर्ष में करीब डेढ़ लाख लोग पलायन कर गए। आंदोलन में युवाओं समेत स्थानीय लोगों की संलिप्तता देखते हुए इसे पक्ष-विपक्ष दोनों का समर्थन मिला। 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक इसकी आलोचना की और राज्य सरकार को अन्य विकल्पों पर विचार करने को कहा। जुलाई, 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने सलवा जुडूम को गैरकानूनी घोषित करते हुए कहा कि लोगों को दिए गए हथियार वापस लिए जाएं।

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