नक्सली हमले में हुआ था तीस किलो विस्फोटक का इस्तेमाल

-naxalite-use-different-ways-of-crueltyजगदलपुर। छत्तीसगढ़ में 25 मई को हुए नक्सली हमले में 30 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। हमेशा की तरह नक्सलियों ने आमोनियम नाइट्रेट की सहायता से निर्मित आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोजिव डिवाइस) से विस्फोट कराया था। यह बात एनएसजी फोरेंसिक टीम की प्रारंभिक जांच में सामने आई है। एनआइए व एनएसजी की टेक्निकल टीम मामले की जांच कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, शुरुआती फोरेंसिक जांच में पाया गया है कि नक्सलियों ने हमले के लिए करीब 30 किलो आईईडी का उपयोग किया था। विस्फोट स्थल से करीब 30 मीटर की दूरी पर एम्बुश प्वाइंट बनाया गया था। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि ब्लास्ट के बाद सड़क पर पांच मीटर लंबा व करीब इतना ही चौड़ा गढ्डा हो गया था। जानकार बताते हैं कि कृषि उपयोग में आने वाले उर्वरक आमोनियम नाइट्रेट, यूरिया, गन पावडर, केरोसीन एवं लोहे के र्छे आदि मिलाकर नक्सली बारूद तैयार करते हैं।

नक्सली हमले के पीछे गहरी साजिश का अंदेशा

इसके बाद इन्हें पालीथीन में पैक कर जमीन में गाड़ कर रखा जाता है। नक्सली ओडिशा के बैलाडीला और छत्तीसगढ़ के बस्तर से कई दफा भारी मात्र में विस्फोटक लूट चुके हैं। उनके पास विस्फोटकों का भारी स्टॉक होने की बात कही जा रही है। 19 मई, 2010 को भानपुरी थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने आंध्र की ओर जा रहे ट्रक से 16 टन आमोनियम नाइट्रेट लूटा था। 3 जुलाई, 2009 को सोनारपाल के पास नक्सलियों ने एक मेटाडोर से ढाई हजार नग डेटोनेटर लूटा था। फरवरी, 2006 को नक्सलियों ने बैलाडीला हिरोली माइंस से 20 टन बारूद, डेटोनेटर एवं फ्यूल लूटा था।

नक्सली हमले में घायल एक कांग्रेसी नेता के मुताबिक हमले वाले दिन पहले नक्सलियों ने कर्मा को खोजकर उनकी हत्या कर दी, उसके बाद पूछ रहे थे कि कर्मा का बेटा कौन है? महेंद्र के बड़े बेटे दीपक कर्मा दंतेवाड़ा नगर पंचायत अध्यक्ष हैं और दूसरे बेटे छबिंद्र कर्मा पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं।

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