फेसबुक पर गलत एकाउंट बन सकता है मुसीबत

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ऊना। आपने कभी सोचा है कि फेसबुक पर गलत एकाउंट बनाने का शौक आपको कभी मुसीबत में भी डाल सकता है। अगर गलत जानकारी से आप किसी को गुमराह कर रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं तो आपके खिलाफ न केवल आपराधिक मामला दर्ज होगा, बल्कि सख्त सजा का भी प्रावधान है।

ऊना जिला में एक के बाद एक कई लोगों ने फेसबुक पर गलत जानकारी से गुमराह करने और धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज कराई हैं। हालांकि पुलिस इन मामलों की तफ्तीश कर रही है, लेकिन पता चलते ही आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और गुमराह करने को लेकर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाता है।

अधिकांश युवाओं में फर्जी फेसबुक एकाउंट बनाकर मस्ती करने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। किसी की फोटो और किसी दूसरे के नाम की फेसबुक आइडी बनाने की शिकायत आपको ऐसी मुसीबत में डाल सकती है। मगर इन सब बातों से अनजान हजारों युवा गलत जानकारियों के साथ फेसबुक एकाउंट बना रहे हैं। यहां तक कि एक ही व्यक्ति ऐसे कई एकाउंट बनाकर खुद ही अपने लिए मुसीबत पैदा कर रहे हैं। ऊना जिले की बात करें तो मोबाइल फोन में रोजाना सैकड़ों की संख्या में नए फेसबुक एकाउंट बन रहे हैं। कई ऐसे एकाउंट कुछ दिनों के बाद अचानक बंद कर दिए जाते हैं। खासकर ऐसे एकाउंट में अश्लीलता फैलाई जा रही है। इतना ही नहीं फेसबुक पर महिलाओं को ऐसी ही अधिकांश फेक एकाउंट से परेशानी हो रही है। ऐसी कई शिकायतें पुलिस महकमे के पास पहुंच गई हैं। पुलिस के लिए फर्जी फेसबुक एकाउंट चुनौती बनकर सामने आ रहे हैं। गलत एकाउंट बनाना है अपराध शायद आप नहीं जानते होंगे की फेसबुक समेत किसी भी वेबसाइट पर गलत जानकारी देकर एकाउंट बनाना कानूनी अपराध है। शिकायत होने पर ऐसा एकाउंट बनाने वाले के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जा सकता है।

अधिवक्ता संजीव कुमार फांडा का कहना है कि गलत एकाउंट बनाकर लोगों को गुमराह करने की शिकायत सामने आती है तो आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाता है। इसमें कुछ मामलों में जमानत का प्रावधान भी नहीं है। आरोपी से कोई रियायत नहीं बरती जाती है।

आसान है आरोपी की पहचान करना

फेसबुक अथवा ऐसे ही किसी वेबसाइट पर गलत एकाउंट बनाने और गलत जानकारियां देने वाले की पहचान संभव है। दूरसंचार निगम के विशेषा इंजीनियर वाइएल शर्मा का कहना है कि सरबर में ऐसी तमाम जानकारियां रहती हैं जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि यह एकाउंट कहां और किस जगह बनाया गया है। उन्होंने कंप्यूटर सेंटरों के प्रबंधकों और साइबर कैफे के मालिकों से अपील की है कि वे कंप्यूटर पर इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रिकार्ड रखें। ऐसा न रखने पर कभी उनपर भी मुसीबत आ सकती है। जिस मोबाइल अथवा कंप्यूटर से यह फेसबुक और दूसरी वेबसाइट एकाउंट बनाया जाता है उसका तमाम डाटा सरबर में मौजूद रहता है।

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