बुलंदशहर में जन्मी ‘नरेंद्र मोदी सेना’

narendra-modi-sena-born-in-bulandshahrबुलंदशहर। राष्ट्रीय राजनीति में इन दिनों मोदी बनाम आडवाणी की कथित लड़ाई जबरदस्त चर्चा में है। शनिवार को यह लड़ाई उस वक्त और चर्चाओं में आ गई, जब ‘नरेंद्र मोदी सेना’ ने दिल्ली में शीर्षस्थ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के घर के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद एक ही दिन में यह अनाम संगठन राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आ गया।

खास बात यह है कि पांच माह पहले इस संगठन की नींव बुलंदशहर में पड़ी थी और इस समय इसके तीन हजार से अधिक सदस्य हैं। भाजपा के गोवा सम्मेलन में आडवाणी की अनुपस्थिति फिलहाल सुर्खियों में है। आडवाणी बनाम मोदी की अफवाहों का बाजार भी गर्म है। शनिवार को ‘नरेंद्र मोदी सेना’ के बैनर तले कुछ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में लालकृष्ण आडवाणी के घर के बाहर प्रदर्शन कर मांग की कि वह मोदी की राह में रोड़ा न बनें। शनिवार को पूरे दिन ‘नरेंद्र मोदी सेना’ चर्चाओं में रही।

खास बात यह है कि महज एक घटना के बाद राष्ट्रीय चर्चा बनी ‘नरेंद्र मोदी सेना’ का जन्म जनवरी 2013 में बुलंदशहर में हुआ था। संगठन की पहली बैठक ज्ञान लोक कालोनी के पास हुई और गाजियाबाद के एडवोकेट प्रेम सुंदर को संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष और बुलंदशहर के एडवोकेट मनोज उपाध्याय को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। मनोज उपाध्याय ने बताया कि बीजेपी में नया जोश भरने के लिए उन्होंने सेना की स्थापना की। संगठन का एकमात्र उद्देश्य मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है। हम लोग मोदी से मिले थे, उन्होंने मौन सहमति दे दी है। अब संगठन नौ जिलों में है और करीब तीन हजार कार्यकर्ता जुड़ चुके हैं।

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