आठ साल में तीसरी बार आडवाणी का इस्तीफा

advaniनई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पहली बार इस्तीफा नहीं दिया है। पिछले आठ साल में उनका यह तीसरी बार इस्तीफा है। इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मुहम्मद अली जिन्ना की प्रशंसा पर उपजे विवाद के बाद भी उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था।

पढ़ें: आडवाणी और जिया में अजब तुलना

पढ़ें: भारतीय राजनीति के पितामह हैं आडवाणी

एक क्लिक में पढ़ें आडवाणी का इस्तीफा

भाजपा के संस्थापक सदस्य 85 वर्षीय आडवाणी ने सबसे पहले जिन्ना प्रकरण पर सात जून, 2005 को पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। अपने छह दिवसीय पाकिस्तान दौरे में आडवाणी ने जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष नेता बताया था।

इससे पार्टी और संघ में उनके खिलाफ आवाज उठने लगी थी। हालांकि पार्टी के अनुरोध पर चार दिन बाद उन्होंने यह इस्तीफा वापस ले लिया था। लेकिन संघ की नाराजगी आडवाणी से खत्म नहीं हुई। दरअसल, संघ और आडवाणी के बीच दरार यहीं पड़ गई थी।

पार्टी की तरफ से तमाम स्पष्टीकरण के बावजूद विवाद खत्म न होते देख सात माह बाद ही उन्हें फिर से अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।

इसके बाद राजनाथ सिंह को भाजपा की कमान दे दी गई। हालांकि सोमवार को दिया गया उनका तीसरा इस्तीफा इस मायने में अलग है कि पहले उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ा था, जबकि इस बार उन्होंने तीनों महत्वपूर्ण पदों राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड व चुनाव समिति से इस्तीफा दिया है।

error: Content is protected !!