अखिलेश ने सपा विधायक को पार्टी से निकाला

akhileshलखनऊ। नौकरशाही से त्रस्त समाजवादी पार्टी के विधायकों ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। औरैया जिले की विधूना क्षेत्र के विधायक प्रमोद गुप्ता उर्फ एलएस के बाद शुक्रवार को बलिया के विधायक मोहम्मद रिजवी ने प्रदेश सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर अपनी ही पार्टी की स्थिति असहज कर दी। असंतोष को दबाने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधायक प्रमोद गुप्ता को पार्टी विरोधी कार्यो और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।

प्रमोद गुप्ता ने गुरुवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर पार्टी में खलबली मचा दी थी। बकौल विधायक वह क्षेत्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था से आहत हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री के दौरे पर होने के कारण विधायक ने उनके निजी सचिव को इस्तीफा सौंपा है। इस्तीफेमें उन्होंने पार्टी के अंदर लगातार हो रही उनकी उपेक्षा और अधिकारियों द्वारा शासन की मंशा के अनुरूप काम न करने की बात कही है। असल में इस प्रकरण की जड़ जिला कार्यकारिणी के बड़े नेताओं और विधायक के बीच उपजा अंतरद्वंद्व है।

हाल ही में विद्युत विभाग के एक्सईएन आरके गुप्त और बीएसए महेश चंद्र गुप्त का तबादला उनकी मंशा के विरुद्ध कर दिया गया। बिधूना कोतवाली प्रभारी प्रवेश राणा को भी लाइन हाजिर कर दिया गया। इसने विधायक को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर किया। पूरे मामले पर विधायक ने कुछ भी कहने से न केवल इन्कार दिया।

उधर,बलिया के सपा विधायक मोहम्मद रिजवी ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार को सवालों के घेरे में खड़ाकर अपनी ही पार्टी की स्थिति असहज कर दी है। रिजवी के अनुसार कानून व्यवस्था की स्थिति दयनीय, भ्रष्टाचार चरम पर और कार्यकर्ताओं को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। रिजवी जिले की सिकंदरपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।

शुक्रवार को टेलीफोन पर लखनऊ से बातचीत के क्रम में रिजवी ने कहा कि बसपा शासनकाल से जमे अधिकारी केवल सरकार को बदनाम कर रहे हैं। चितबड़ागांव थाने की बगावत उदाहरण है जहां वसूली के बंटवारे को लेकर सिपाही बगावत तक कर चुके हैं, मगर कोई कड़ी कार्रवाई तक नहीं हुई। ऐसे में तो जनता का कानून से भरोसा ही उठ जाएगा। विधायक ने कहा कि बलिया-सिकंदरपुर मार्ग तीन साल से खराब है। यहां से दो-दो मंत्री होने के बाद भी विकास कार्यों के लिए धन का अभाव बना रहता है।

दूसरी ओर बगल के गाजीपुर व आजमगढ़ में विकास की गंगा बह रही है। सरकार में रहते हुए कार्यकर्ताओं की कौन कहे, विधायक तक की बात अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। मो.रिजवी ने बताया कि बलिया के हालात के बारे में एक माह पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाइ न होने से वह आहत व उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। दो बार जिलाध्यक्ष रहने से उन्हें कार्यकर्ताओं की तरफ से लगातार शिकायत आ रही हैं, वह अपनी ही सरकार से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को न्याय न मिला तो जुलाई के अंतिम सप्ताह में वह आंदोलन करेंगे।

error: Content is protected !!