सलमान खुर्शीद ने उड़ाया रामदेव के आंदोलन का मजाक

नई दिल्ली। रामलीला मैदान में अपने आंदोलन का आगाज करते हुए योग गुरु रामदेव ने अपने भाषण की शुरुआत उनके गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पर उठाए जा रहे सवालों से की। कहा कि, वह तो भाई राहुल गांधी और माता सोनिया गांधी को भी रामलीला मैदान में बुलाने के लिए तैयार है। दोनों के स्वागत के लिए रामलीला मैदान के दरवाजे हमेशा खुले हैं। इधर कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने रामदेव के आंदोलन का मजाक उड़ाया। कहा कि रामलीला मैदान में हर साल इस तरह की रामलीला तो होती रहती हैं। इससे यह माना जा रहा है कि सरकार टीम अन्ना की तरह रामदेव के आंदोलन को भी कोई महत्व नहीं देना चाहती है।

रामदेव ने सरकार पर देश की प्राकृतिक संपदा की खुली लूट करने का आरोप लगाया। साथ ही लोकपाल बिल पर अपना अड़ियल रवैया छोड़कर सकारात्मक रुख रखने की सलाह दे डाली। कहा कि वह हर मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं पर इसके लिए सरकार को मजबूत लोकपाल बिल लाना ही होगा।

अन्ना हजारे और अपने संबंधों को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह अन्ना अजारे के सोशल एजेंडे के साथ हमेशा थे और आगे भी रहेंगे लेकिन, खत्म हो चुकी टीम अन्ना के राजनीतिक एजेंडे पर कोई टिप्पणी कर विवाद में नहीं फंसना चाहते हैं। कहा कि टीम अन्ना इस आंदोलन में शामिल होंगे या नहीं, यह फैसला उन्हें(अन्ना) ही करना है। इतना जरूर कहा कि इससे पहले अन्ना ने उनका समर्थन करने का वादा किया था और वह टीम अन्ना के सदस्य किरण बेदी और संतोष हेगडे़ का अभिवादन करते हैं।

अपने आंदोलन के बारे में स्पष्ट किया कि पहले तीन दिन सांकेतिक अनशन होगा, 12 अगस्त को अगली रणनीति का खुलासा किया जाएगा। अपने आंदोलन में वह मुस्लिमों को भी साथ जोड़ कर चलना चाहते हैं, इसलिए रोज शाम को आयोजन स्थल पर ही इफ्तार पार्टी की जाएगी।

योग गुरु ने कहा कि उनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है, ना ही वह किसी दल के खिलाफ हैं। वह किसी को सत्ता से हटाने और लाने के लिए नहीं आए हैं। लोकपाल की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि अब इसे बनाने का वक्त आ गया है। कहा कि वह किसी दल के खिलाफ नहीं हैं। वह चाहते हैं कि किसी निर्दोष को सजा न मिले और कोई भ्रष्टाचारी जेल जाने से न बच सके, इसके लिए सरकार को लोकपाल बिल जल्द लाना होगा। इसके लिए उन्हें कितना भी संघर्ष क्यों न करना पड़े लेकिन, वह शहीदों द्वारा दी गई इस आजादी को तबाह नहीं होने देंगे।

इससे पूर्व बालकृष्ण को भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरुषों के पोस्टर के बीच में जगह देने से माहौल गरमा गया। पोस्टर में बालकृष्ण की महानता का चित्रण करते हुए उन्हें रोगियों का भगवान बताया गया है। पोस्टर पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि बालकृष्ण को महापुरुषों के समकक्ष कैसे रखा जा सकता है। हालांकि काफी बवाल होने के बाद पोस्टर को हटा लिया गया।

इससे पूर्व बाबा रामदेव सीधे राजघाट गए और बापू को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद गुरुवार सुबह पौने दस बजे रामलीला मैदान पहुंचे।

रामदेव करीब चौदह माह के बाद रामलीला मैदान की ओर रुख कर रहे हैं। रामदेव को उम्मीद है कि इस बार रामलीला मैदान में करोड़ों लोग जुटे होंगे। उन्होंने फिर दोहराया कि उनकी किसी से कोई लड़ाई नहीं है, बल्कि सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ वह केवल आवाज बुलंद कर सोई हुई सरकार को जगाने का काम करना चाहते हैं। सरकार विदेशों में जमा काला धन वापस लाए और भ्रष्टाचार में फंसे सभी नेताओं और अफसरों को जेल की सलाखों के अंदर डाले, तभी देश विकास की राह पकड़ सकेगा।

रामदेव ने कहा है कि वह रामलीला मैदान में हो रहे आंदोलन के माध्यम से सरकार को एक अंतिम मौका देना चाहते हैं। उनका मकसद राजनीतिक नहीं है, वह केवल देश को समृद्ध होते देखना चाहते हैं। कहा कि सरकार की गलत नीतियों की बदौलत और देश में फैले भ्रष्टाचार के चलते किसान आत्महत्या कर रहा है लेकिन सरकार खामोश है।

गुरुवार को सुबह से ही रामलीला मैदान पर लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। इस शिविर में योग के साथ आंदोलन भी किया जाएगा। लिहाजा यहां जुटने वालों में उनके आंदोलन का समर्थन करने वालों के साथ-साथ वह लोग भी हैं जो उनके योग शिविरों में भाग लेते हैं या लेना चाहते हैं।

विदेश में जमा काले धन को वापस लाने की मांग पर नौ अगस्त से शुरू होने जा रहे बाबा रामदेव के आंदोलन को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। बुधवार से ही आंदोलन स्थल पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। बाबा के सहयोगियों के अनुसार, दो लाख गांवों के सरपंचों ने आंदोलन को लिखित में अपना समर्थन दिया है। बड़ी संख्या में लोग दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं।

सहयोगियों ने बताया कि आंदोलन को देश भर में छह सौ जिलों और चार हजार तहसीलों में एक साथ शुरू किया जाएगा। कैंडल मार्च भी निकाले जाएंगे। कई समर्थक तो दूरदराज के क्षेत्रों से साइकिल व पैदल भी रामलीला मैदान पहुंच रहे हैं। आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चले, इसके लिए फिलहाल दिल्ली पुलिस की तीन कंपनियां मौके पर तैनात रहेंगी। मैदान में जगह-जगह 60 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। कार्यक्रम में एक लाख से ज्यादा लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है।

वहीं स्थायी नागरिकता के लिए संघर्षरत पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजियों का एक दल बाबा रामदेव से मिलने के लिए जम्मू से दिल्ली रवाना हो गया। सात सदस्यों की टीम रामदेव से अपने साथ होने वाले अन्याय की दास्तां सुनाएगी।

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