सोशल मीडिया पर ‘अंकुश’ लगाने के लिए तैयार है सरकार

udayan_shrma_foundation_2013_452867230सोशल मीडिया में अपनी मौजूदगी से इससे मिल रही चुनौती से निपटने की बात कहनेवाली केन्द्रीय कांग्रेस सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने साफ कहा कि “निजी तौर पर मेरा हमेशा से यह विश्वास रहा है कि सोशल मीडिया पर अंकुश और नियंत्रण में फर्क करने की जरूरत है।” मनीष तिवारी ने कहा कि देश और जनता को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय पहल की जरूरत है ताकि जनता और देशहित में एक अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत कोई प्रावधान किया जा सके। श्री तिवारी दिवंगत पत्रकार उदयन शर्मा की याद में आयोजित एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे जिसका विषय सोशल मीडिया से उभरनेवाली चुनौतियों से जुड़ा हुआ था।

कार्यक्रम के दौरान खास तौर पर पत्रकार राहुल देव ने उनसे इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा था कि सोशल मीडिया को लेकर सरकार का क्या रुख है। क्योंकि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि सरकार सोशल मीडिया पर नियंत्रण करने के लिए कुछ प्रावधानों पर विचार कर रही है। मनीष तिवारी ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट तौर पर तो यह नहीं कहा कि सरकार सोशल मीडिया पर नियंत्रण करने के लिए आखिरकार सरकार क्या उपाय करने जा रही है लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि अंकुश और नियंत्रण में फर्क करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल अगर देशहित और जनहित के खिलाफ होता है तो उस पर अंकुश लगाने संबंधी बात का विरोध नहीं होना चाहिए।

श्री तिवारी ने कहा कि सोशल मीडिया का अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देखते हुए इसके लिए अंतरराष्ट्रीय पहल की जरूरत है क्योंकि कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी सूदूर देश में साइट होस्ट करके किसी और देश में अगर अपना प्रभाव पैदा करता है तो ऐसी चुनौतियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहल करने की जरूरत होगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि नियंत्रण न सही लेकिन अंकुश लगाने की जरूरत है। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसा करते वक्त इस बात का ध्यान रखने की जरूरत होगी कि आम आदमी की अभिव्यक्ति की आजादी ऐसे प्रावधान से प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने सबको अपनी बात कहने की आजादी जरूर दे दी है लेकिन नये मीडिया और परंपरागत मीडिया में यह फर्क साफ नजर आता है कि सोशल मीडिया में कहीं कोई संपादन नहीं है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की अभिव्यक्ति की आजादी प्रभावित किये बिना ‘अवांछित सामग्री’ पर रोक लगाई जानी चाहिए। अपने संबोधन के दौरान मनीष तिवारी ने बार बार काल सेन्टर की बात कही जिसका सीधा इशारा नरेन्द्र मोदी की ओर था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग काल सेन्टर चलाकर सोशल मीडिया में अपना एजेण्डा सेट कर रहे हैं लेकिन हमें इसकी कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार के लिए कांग्रेस पार्टी अलग से कोई धन खर्च करने नहीं जा रही है।

उदयन शर्मा फाउण्डेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सीएनएन-आईबीएन के संपादक राजदीप सरदेसाई भी मौजूद थे। श्री सरदेसाई ने कहा कि सोशल मीडिया के बारे में यह कहना कि वह देश का एजेण्डा सेट कर रहा है, सही नहीं है। उन्होंने कहा कि आज से ठीक नौ साल पहले जब 2004 के लोकसभा चुनाव होनेवाले थे उस वक्त भी यही कहा गया था कि टेलीवीजन मीडिया देश का एजेण्डा सेट कर रहा है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह सोशल मीडिया के बारे में यह कहना कि वह देश का एजेण्डा सेट कर रहा है, सही नहीं होगा। सरदेसाई ने कहा कि “मीडिया और सोशल मीडिया देश का एजेण्डा सेट नहीं कर सकते। देश का एजेण्डा देश का अंतिम आदमी सेट करेगा। मीडिया पर शोर करने से देश की समस्याओं का समाधान नहीं होगा।” श्री सरदेसाई ने कहा कि देश के अंतिम आदमी की समस्या का समाधान करने से देश की समस्या का समाधान होगा। श्री सरदेसाई ने कहा कि देश सिर्फ दिल्ली से नहीं चल सकता। देश चलाने के लिए देशभर में जाना होगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया नेता का एजेण्डा तो बदल सकता है, देश का एजेण्डा नहीं बदल सकता। http://visfot.com

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