कांग्रेस ने राजबब्बर को सौंपी उप्र की कमान

raj babbarनई दिल्ली। उप्र के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश संगठन की कमान उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद राजबब्बर को सौंपने का एलान कर दिया है। किसी खास जातीय समीकरण में फिट न बैठने वाले राजबब्बर को कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक चुनौतियों के बीच सबसे भरोसे का चेहरा पाया है।

नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ उप्र के चार नए वरिष्ठ पार्टी उपाध्यक्षों की नियुक्ति भी की गई है। इसमें अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में 2014 के चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को बोटी-बोटी काटने का विवादित बयान देने वाले इमरान मसूद भी शामिल हैं। साथ ही इस्तीफा देने वाले मौजूदा कांगे्रस अध्यक्ष निर्मल खत्री को प्रदेश चुनाव छानबीन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

इस नियुक्ति के साथ ही उप्र कांग्रेस में प्रियंका गांधी की सक्रिय भूमिका होने का भी हाईकमान ने संदेश दे दिया है। हालांकि प्रियंका की घोषित भूमिका के बारे में पार्टी ने अभी रणनीतिक चुप्पी कायम रखने का भी फैसला किया है।
प्रियंका गांधी की उप्र के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी से हुई चर्चा के बाद राजबब्बर के नाम का एलान यही संदेश देने के लिए किया गया। मगर प्रियंका को चेहरा बनाने के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह जैसी जरूरत होगी उसके हिसाब से अपनी भूमिका निभाएंगी। समय आने पर वह उप्र में प्रचार भी करेंगी।

राजबब्बर के साथ उप्र की चुनावी टीम के एलान में कांग्रेस ने जातीय समीकरणों के साथ-साथ क्षेत्रीय संतुलनों का भी ध्यान रखा है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष बनाए गए इमरान मसूद पश्चिमी उप्र से जहां अल्पसंख्यक चेहरा हैं तो भगवती प्रसाद चौधरी दलित और राजाराम पाल पिछड़ा वर्ग का चेहरा हैं। जबकि पूर्वांचल से ब्राह्ममण चेहरे के रूप में बनारस के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा को तवज्जो दी गई है।

चुनाव अभियान समिति के चेहरे और मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस पर फैसला होना बाकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार के बारे में कोई फैसला अभी नहीं हुआ है। जरूरत महसूस होने पर इस बारे में फैसला होगा।

प्रियंका को चेहरा बनाने के सवाल को भी आजाद ने बड़ी चतुराई से यह कहते हुए टाल दिया कि वह कांग्रेस के एक चेहरे के रूप में तो हैं ही। प्रदेश कांग्रेस पद से हटाए गए निर्मल खत्री को भी सांत्वना देने के लिए टिकट बंटवारे में उनकी एक भूमिका रखी गई है। इसीलिए उन्हें छानबीन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

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