पीएम के चोगम दौरे पर उलझन बरकरार

Manmohan Singhनई दिल्ली। राष्ट्रकुल शासनाध्यक्षों के सम्मेलन की खातिर पड़ोसी मुल्क श्रीलंका के दौरे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उलझन बरकरार है। चुनावी साल में इस मामले पर द्रमुक समेत तमिलनाडु के 11 क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ भाकपा ने भी सरकार पर दौरा रद करने का दबाव बढ़ा दिया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और सरकार के भीतर भी मतभेद की दरारें दिख रही हैं। सहमति बनाने की कड़ी में वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने यूपीए सरकार के साथी रहे द्रमुक प्रमुख एम. करुणनिधि से मुलाकात की। वित्तमंत्री ने बैठक में हुई चर्चा के बारे में तो कुछ नहीं बताया, लेकिन दो टूक लफ्जों में यह जरूर कहा कि अभी पीएम के श्रीलंका दौर पर कोई फैसला नहीं हुआ है।

तमिलनाडु से ही संसद में पहुंचे चिदंबरम ने चेन्नई में श्रीलंका में मानवाधिकार हनन रिकार्ड को लेकर भारतीय चिंताओं को भी जाहिर किया। तमिल महिला बंधकों के खिलाफ श्रीलंका सेना की बर्बर कार्रवाई का एक वीडियो सामने आने पर प्रतिक्रिया दे रहे वित्तमंत्री ने कहा, मैंने इसे देखा है। मैं मानता हूं यह वीडियो सही है। चिदंबरम के मुताबिक यह प्रमाणित है कि श्रीलंका सरकार मानवाधिकारों का हनन कर रही है और हम इस बारे में अपनी चिंताएं जताते रहे हैं। कोलंबों में 15-17 नवंबर को होने वाली राष्ट्रकुल शासनाध्यक्षों की बैठक को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आगे एक और सियासी दबाव हैं वहीं विदेश नीति की प्राथमिकताएं हैं।

सूत्रों के मुताबिक, इस सवाल को लेकर पीएम समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति के पांच सदस्यों के भीतर भी मतभेद है। रक्षा मंत्री एके एंटनी भी पीएम के लंका दौरे की मौजूदा टाइमिंग को गलत बता चुके हैं। वहीं, रणनीतिक हितों का हवाला देते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद इसके हक में है।

इस बीच, रास्ता निकालने के लिए भारत श्रीलंका के विदेश मंत्रियों ने ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में हिंद महासागर मुल्कों के सम्मेलन के हाशिये पर मुलाकात की। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच चोगम बैठक पर भी चर्चा हुई। महत्वपूर्ण है कि श्रीलंका भी यह कह चुका है कि अगर भारतीय प्रधानमंत्री चोगम बैठक के लिए नहीं आए तो भारत अलग-थलग पड़ जाएंगा। वैसे इस बीच प्रधानमंत्री को कोलंबो के साथ ही तमिल बहुल उत्तरी प्रांत में जाफना यात्रा का भी न्योता मिल चुका है।

तमिल संगठन का नेता गिरफ्तार

सलेम : तमिलनाडु पुलिस ने आयकर कार्यालय परिसर में 30 अक्टूबर को आग लगाने की कोशिश के आरोप में शनिवार को एक तमिल संगठन के नेता कोलाथुर मणि को गिरफ्तार किया है। द्रविडार विडुथलाई कझगम नामक (डीवीके)संगठन के संस्थापक मणि पर आरोप है कि उसने चोगम सम्मेलन में भारत के शिरकत के विरोध में आयकर कार्यालय परिसर में जलती लकड़ी फेंक दी थी। डीवीके के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पर्चे फेंके थे, जिनमें कहा गया था कि केंद्र सरकार तमिलों की भावनाओं का सम्मान करे। साथ ही, पीएम व विदेश मंत्री श्रीलंका जाने का कार्यक्रम रद कर दें।

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