10 – 11 साल में सदियों का सफर

sandeep acharyaहमारे बीकानेर का लाड़ला इंडियन आइडल-2 संदीप आचार्य। दिल, दिमाग और लेखनी मान ही नहीं रहे… बस आवाज का जादू रह गया। लेखनी के माध्यम से ही संदीप के गायन और उसकी सफलता को पाठकों तक पहुंचाया था। आज लेखनी से शब्द नहीं रचे जा रहे। 10 – 11 साल पूर्व अपने दैनिक भास्कर के साथियों के साथ मैंने भी बीकानेर के नाल के पास फनवर्ड में संदीप का गायन सुना था। फिर टीवी चैनल पर इंडियन आइडल-2 की प्रतिस्पर्धा में उसे शामिल पाया। टीवी चैनल के माध्यम से ही आगे भी मौका मिला और संदीप के साथ साथ अन्य प्रतिभागियों के गायन व जजेज के कमेंटस सुने। बीकानेर में भास्कर जो प्रकाशित करता, शहर में चर्चा बन जाता। यादें और भी हैं। संदीप के पक्ष में एसएमएस का जखीरा आयोजकों को अचंभित करता ही होगा। संदीप को जब इंडियन आइडल -2 का खिताब मिला तो सारा शहर झूम उठा। संदीप ने बीकानेर को अपने गायन से संगीत के क्षेत्र में विश्व पटल पर स्थान दिलाया। अपनी गायकी के करीब 10 – 11 साल के सफर में संदीप आचार्य ने न्यू जर्सी, यूएसए में बेस्ट न्यू बॉलीवुड अवार्ड जीता। ढेरों एलबम में अपनी आवाज का जादू चलाया। जब भी बीकानेर आया, खुशी पूरा बीकानेर सात सुरों में गा उठा। सदीप ने गायन के क्षेत्र में 11 साल में ऐसा सफर तय किया है, जिसकी यादें सदियों तक युवा पीढ़ी को प्रेरित करती रहेंगी। -मोहन थानवी

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