ऊंट महोत्सव में दिखी समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा की झलक

a1बीकानेर। तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ऊंट महोत्सव के तीसरे दिन लाडेरा के धोरों में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में भारत की समृद्घ सांस्कृतिक परम्परा की झलक देखने को मिली। विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकारों ने अपने लोक नृत्यों से देशी और विदेशी पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मध्य प्रदेश के लोक कलाकारों ने बधाई लोकनृत्य की प्रस्तुति दी तो हिमाचल प्रदेश के लोक कलाकारों ने सिरमौरी नाटी लोकनृत्य प्रस्तुत किया। हरियाणा के लोक कलाकारों ने घूमर नृत्य, गुजरात के कलाकारों ने हुड्डो और रास तथा पंजाब से आए लोक कलाकारों ने जिंदुआ और भांगड़ा प्रस्तुत किया तो समूचा पांडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। अफ्रीकी मूल के गुजराती लोक कलाकारों ने सिद्घिधमाल लोकनृत्य के माध्यम से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया तो बैंगलुरू की हेमाप्रकाश ने वंदेमातरम् गीत पर भरतनाट्यम प्रस्तुत किया। उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों ने हारूल, उतर प्रदेश के कलाकारों ने कर्मा नृत्य प्रस्तुत किया। इन नृत्य प्रस्तुतियों में विभिन्न राज्यों से आए 134 लोक कलाकारों ने भाग लिया। बीकानेर के लोक कलाकार नवरत्न किराड़ू ने सूफी गीत सुनाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के पश्चात् मालासर के जसनाथी सम्प्रदाय के लोगों ने अग्नि नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समापन रंग-बिरंगी आतिशबाजी के साथ हुआ।
-मोहन थानवी

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