जयपुर। केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट ने आज राजस्थान कांग्रेस की कमान संभाल ली है। निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस का पदभार ग्रहण कराया। इस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गुरुदास कामत और बी डी कल्ला भी मौजूद रहे। सचिन के प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही अब राजस्थान की सियासत से गहलोत-जोशी युग की विदाई हो गई है। पार्टी में नए चेहरों पर फोकस किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी नेतृत्व प्रदेश संगठन में ऊर्जा का संचार करना चाहता है, ताकि राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़े जाने वाले अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन प्रदेश में बेहतर हो सके। कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पदभार ग्रहण से पहले केन्द्रीय राज्यमंत्री सचिन पायलट ने वहां मौजूद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति में हार-जीत लोकतांत्रिक प्रणाली का एक हिस्सा है और कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में मिली हार के जनादेश को स्वीकार किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम हारे जरूर हैं परन्तु हमारा आत्मविश्वास अडिग है।
वे यहीं नहीं रुके, पायलट ने सत्ताधारी पार्टी भाजपा को सख्त लहज़े में कहा कि यदि उन्होंने जनता को नुकसान पहुंचाने या फिर कांग्रेस कार्यकर्ता के साथ द्वेष की भावना के साथ अन्याय किया तो उन्हें पहले मेरा सामना करना होगा। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र उन्होंने बातों ही बातों में प्रमुख विपक्षी पार्टी को देश में विघटन को बढ़ावा देने वाली विचारधारा बताया और कहा कि वे सत्ता में आने के लिए देश की जनता को यह सपना दिखा रहे हैं कि आने वाले चुनावों में कांग्रेस ध्वस्त हो जाएगी। लेकिन, पायलट ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि शायद विपक्षी पार्टियों को इस बात का आभास नहीं है कि कांग्रेस देश की रूह है, रूह के बिना शरीर का अस्तित्व नहां होता।
इससे पहले कांग्रेस मुख्यालय पहुंचने के दौरान मार्ग में भी कई स्थानों पर उनका स्वागत किया गया। शाम 5 बजे पायलट की अध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर चुनाव समिति की बैठक हुई। जहां उन्होंने कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। गौरतलब है कि 13 जनवरी को ही सचिन को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया था।