करोडो की जमीं अतिक्रमण से मुक्त करने की मांग

badmer thumbबाडमेर जिला मुख्यालय पर भूमाफियाओं द्वारा नगर परिषद की करोडों की जमीन पर अतिक्रमण कर र्निमाण करा दिया गया जबकि इस जमीन में हुए भ्रष्टाचार की जाँच स्वायत शासन विभाग ,जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के ठन्डे बस्ते में पडी है. इस प्रकरण में नगर पालिका के चार र्कामिक निलंबित भी हो चुके हैं. यहाँ तक कि र्पूव में मुख्यमंत्री र्कायालय से चार र्मतबा इस प्रकरण की जाँच जिला कलेक्टर और स्वायत शासन विभाग के सचिव को दी गयी थी र्वत्तमान वसुंद्यरा राजे सरकार से भी जांच के आदेश जिला कलेक्टर बाडमेर को दिए गए हें इसके बावजूद कोई र्कायवाही नहीं की. जबकि जिला कलेक्टर बाडमेर द्वारा इस प्रकरण की जाँच तहसीलदार बाड़मेर को दी थी.तहसीलदार ने पटवारी को जाँच सौंप दी मगर कोई र्कायवाही आज तक नहीं हुई.मुख्यमंत्री के आदेश की द्यज्जियां नगर परिषद और जिला प्रशासन उड रहे हैं. स्वायत शासन विभाग के सचिव द्वारा अप्रैल में यह जाँच आयुक्त नगर परिषद बाड़मेर को दी थी जो कचरे की टोकरी की शोभा बढा रही है.छह करोड़ कि नगर परिषद कि इस जमीं को अतिक्रमण से मुक्त करने कि मांग को लेकर आर टी आई र्कायर्कता चन्दन सिंह भाटी ने मुख्यमंत्री वसुंद्यरा राजे को पात्र लिखा था जिस पर मुख्यमंत्री र्कायालयो द्वारा इस प्रकरण कि तथ्यतमक रिर्पोट जिला प्रशासन बाडमेर से मांगी गयी हें ,
शहर के महावीर नगर में नगरपालिका बाड़मेर का व्यवसायिक भूखंड संख्या 66 है जिसकी कीमत करीब करोडों रूपए है. उक्त भूखंड पर तत्कालीन जिला कलेक्टर सुबीर कुमार ने र्वष 2007 में निरस्तीकरण के आदेश जारी कर नगरपालिका के चार अद्यिकारियों तथा र्कमचारियों के खिलाफ पुलिस कोतवाली थाने में मामला र्दज करवाया था। उक्त प्रकरण में पालिका के चार अद्यिकारी र्कमचारी निलंबित भी किए गए है. इस व्यवसायिक भूखंड प्रकरण की जाँच आज भी राज्य सरकार के पास विचाराद्यीन है. राज्य सरकार ने इस भूखंड के आवंटन को निरस्त कर भूखंड राशि जमा नही करवाई गई थी. इसके बावजूद इस भूखंड पर भूमाफियाओं जिन्होने सरकारी जमीनों पर कई अतिक्रमण कर रखे है और वहाँ पर अवैद्य रूप र्निमाण र्काय आरम्भ करा रखा है. उक्त भूखंड पर रामचंद्र वैष्णव, सावताराम माली, भगा राम माली तथा इनके भूमाफिया सहयोगियों द्वारा अवैद्य रूप से कब्जा कर र्निमाण र्काय र्निबाद्य रूप से किया जा रहा है. उक्त भूखंड राज्य सरकार का है जिसकी कीमत करोडों रूपए है। इस पर नगरपालिका र्कमचारियों तथा अद्यिकारियों की मिलीभगत से भूमाफियों द्वारा अतिक्रमण कर व्यवसायिक काम्पलेक्स का र्निमाण करवाया जा चूका है. स्थानीय जिला प्रशासन की कई बार लिखित सूचना देने के बावजूद कोई र्कायवाही नही की गई.
उक्त व्य्ावसायिक भूखंड संख्या 66 के पूरे प्रकरण की जाँच प्रशासनिक अद्यिकारी करने से कतरा रहे हैं जबकि इस मामले के तीन मुकदमे शहर कोतवाली में भी र्दज है. सरकारी संपति को भूमाफियाओं के चंगूल से मुक्त करवाकर अवैद्य र्निमाण को ध्वस्त करने की बजाय भूमाफियाओं को शह दी जा रही है.
नगर परिषद् द्वारा कराई गयी जिसमे स्पष्ट लिखा हें कि उक्त जमीं नगर परिषद् कि हें जिस पर भूमाफियो द्वारा अवैद्य कब्ज़ा कर भवन र्निमाण कराया गया ,परिषद् के तत्कालीन आर ओ द्वारा अतिर्कमियो को अतिक्रमण हटाने के र्निदेश भी दिए गए मगर अतिक्रमण आज तक नहीं हटाया गया।
chandan singh bhati 

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