जसवंत सिंह बाड़मेर जैसलमेर से भाजपा के सशक्त दावेदार

-चन्दन सिंह भाटी- चुनावो  सरहदी क्षेत्र बाड़मेर जैसलमेर में राजनितिक हलचल शुरू हो गयी हें। भाजपा कांग्रेस मैदान में हें।  भाजपा कि और से कद्दावर और भाजपा कि प्रथम पंक्ति के नेता जसवंत सिंह तो कांग्रेस से सांसद हरीश चौधरी कि उम्मीदवारी तय मानी जा रही हें। बाड़मेर रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर ने  बड़े और कद्दावर नेता देश और समाज की सेवा के लिए दिए हें।  मलानी कि धरा के सपूत  भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह अन्तराष्ट्रीय स्तर की राजनितिक हस्ती हें जिनका ताल्लुक  बाड़मेर की मालानी धरा से हें। जिले के बालोतरा उप खंड के जसोल  घराने से जसवंत सिंह को उपराष्ट्रपति पद पर उम्मीदवार घोषित करने के बाद जसवंत सिंह पुरे परिवार में खुशी की लहर थी  .  राष्ट्रपति पद की दाव्र्दारी तक पहुंचे जसवंत सिंह ने हालांकि सीधे तौर पर बाड़मेर से कभी चुनाव नहीं लड़ा। मगर बाड़मेर की राजनीती में  दखल रखते हें ,बाड़मेर ही नहीं राजस्थान के लोगो से असीम अपणायत इनकी खाशियत रही हें। देश के तीन बड़े पदों रक्षा ,वित् और विदेश विभाग के मंत्री रहने वाले जसवंत एक मात्र देश में नेता हें।
लोकसभा चुनावो में सशक्त दावेदारी 
jaswant singhअगले माह होने वाले संसदीय चुनावो में जसवंत सिंह को बाड़मेर जैसलमेर कि जनता चुनाव लड़ाना चाहती हें। जसवंत सिंह ने भी  पूर्व बाड़मेर प्रवास के दौरान बाड़मेर से चुनाव लड़ने के संकेत दिए थे। जसवंत सिंह ने बताया कि राजनीती के लम्बे केरियर में उन्होंने कई जगह से चुनाव लड़े जीते भी हारे भी। मगर मन में दिल्ली ख्वाहिस थी कि एक बार मातृभूमि से चुनाव लडू। उन्होंने बताया कि मालानी री  धरती रो कर्ज चुकाना हें। उनके मन में बाड़मेर जैसलमेर के विकास को लेकर ख़ास योजना हें जिसे फलीभूत करना चाहते हें।
जसवंत सिंह द्वारा कराये गए  कार्य 
जसवंत सिंह ने रक्षामंत्री रहते हुए बाड़मेर ब्रॉडगेज के लिए ख़ास बजट जारी कर ब्रॉडगेज योजना के सफल क्रियावन्ति के बाद बाड़मेर को तीन रेल सेवाए भी उनके द्वारा उपलब्ध कराई। जसवंत सिंह ने थार एक्सप्रेस के सञ्चालन में अहम् योगदान दिया। थर एक्सप्रेस पाकिस्तान तक चलने का श्रेय उन्हें जाता हें। साथ ही मरू गोचर योजना ख़ास तौर से लागू कि तथा करोडो रुपये का बजट आवंटन करा थार के विकास में योगदान दियया तो बाड़मेर जैसलमेर जिले के पेयजल कि पांच बड़ी योजनाओ को स्वीकृतो जसवंत सिंह द्वारा दिलाई गयी तो सांसद कोष से उन्होंने करोडो रुपये के विकास कार्य कार्ये। जसवंत सिंह द्वारा पाकिस्तान जेन वाले थार वासियो के वीजा के लिए ख़ास प्रयास कर वीजा कि सहज उपलब्धता में ख़ास भूमिका निभाई।
यह कार्य हें प्राथमिकता 
जसवंत सिंह बाड़मेर जैसलमेर के समुचित विकास को ध्यान में रख चुनाव लड़ रहे हें। उन्हें बाड़मेर कांडला रेल मार्ग ,बाड़मेर जैसलमेर रेल मार्ग ,को जोड़ने का कार्य। बाड़मेर के बाखासर में नमक उद्योग कि स्थापना ,नर्मदा नहर और इंदिरा नहर का पानी बाड़मेर तक लेन ,पेयजल कि अधूरी पड़ी यूझानाओ को पूर्ण करने ,थार एक्सप्रेस का बाड़मेर में ठहराव ,एन एच पन्द्र के [अश्चिम में पाक नागरिको के प्रवेश में छूट ,वीजा केंद्र बाड़मेर जैसलमेर में स्थाप[आईटी करना ,जैसलमेर को नए रेल मार्ग से जोड़ने ,स्थानीय लोगो को नहरी भूमि आवंटन करने ,पाक विस्थापितो को सुविधा मुहैया कराने और डी एन पी क्षेत्र में विकास कार्य के मार्ग प्रसस्त करने जैसे बड़े कार्य करवाने कि प्राथमिकता हें।
सकारात्मक पक्ष 
सरहदी क्षेत्र में जसवंत सिंह का नाम हर समाज वर्ग में आदर से लिया जाता हें खासकर क्षीर के मुस्लिमो में उनके प्रति गज़ब का विशवास हें। क्षेत्र के अधिकांस मुस्लिमो कि पहली  जसवंत सिंह से। पार्टी पॉलिटिक्स से दूर लोग जसवंत सिंह पर भरोसा करते हें। मुस्लिमवर्ग के आलावा क्षेत्र के मेघवाल भील वर्ग उनके साथ खड़ा हें। राजपूत सहित अन्य समाजो में उनकी बेहतर पकड़ हें।
जीवन परिचय
जसवंत सिंह(जनवरी 3, 1938) [[दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र]] से सांसद हैं. वे राजस्थान के बाड़मेर के जसोल गांव के निवासी है और 1960 के दशक में वे भारतीय सेना में अधिकारी थे. पंद्रह साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए थे. वे जोधपुर के पूर्व महाराजा गज सिंह के करीबी माने जाते हैं. जसवंत सिंह मेयो कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवास्ला के छात्र रह चुके हैं. वे मई 16, 1996 से जून 1, 1996 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्तमंत्री रह चुके हैं. दो साल बाद दिसंबर 5, 1998 से जुलाई 1, 2002 के दौरान वे वाजपेयी की सरकार में विदेशमंत्री बने. विदेशमंत्री के रूप में उन्होंने भारत-पाकिस्तान के कड़वे रिश्ते को सुधारने की कोशिश की. फिर साल 2002 में यशवंत सिन्हा की जगह वे एकबार फिर वित्तमंत्री बने और मई 2004 में वाजपेयी सरकार की हार तक वे वित्तमंत्री बने रहे. वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बाजार-हितकारी सुधारों को बढ़ावा दिया. भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए वे स्वयं को उदारवादी नेता मानते थे. 2001 में उन्हें सर्वश्रेष्ट संसद का सम्मान मिला. अगस्त 19, 2009 को भारत विभाजन पर उनकी किताब जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडेपेंडेंस में नेहरू-पटेल की आलोचना और जिन्ना की प्रशंसा के लिए उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया.बाद में उन्हें ससम्मान भाजपा में शामिल  किया गया
करियर

चन्दन सिंह भाटी
चन्दन सिंह भाटी

जसवंत सिंह भारतीय राजनीति के उन थोड़े से राजनीतिज्ञों में से हैं जिन्हें रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री बनने का अवसर मिला. वे वाजपेयी सरकार में विदेशमंत्री बने, बाद में यशवंत सिन्हा की जगह उन्हें वित्तमंत्री बनाया गया.

chandan singh bhati 
nehru nagar barmer rajasthan 
9413307897

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