रामदेवरा में 628वां विराट मेला शुरू

जयपुर। अगाध जन श्रद्धा के केंद्र लोकदेवता बाबा रामदेव की अवतरण तिथि भाद्रपद शुक्ल द्वितीया (भादवा बीज) के उपलक्ष्य में बाबा की कर्मस्थली रामदेवरा में विख्यात मेला रविवार को ब्रह्ममूहूर्त में बाबा की समाधि के शीर्ष पर स्वर्ण मुकुट प्रतिष्ठा तथा मंगला आरती की परंपरागत रस्मों से शुरू हुआ।

दुनिया भर में सर्वाधिक लम्बी अवधि तक चलने वाले और विराट मेले के रूप में जैसलमेर जिले का प्रसिद्घ रामदेवरा मेले में लगभग 50 लाख लोग हिस्सा लेते हैं। इस बार यह 628वां मेला है। इस मेले में भारत के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। इनके अलावा दुनिया के कई मुल्कों से भी आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए यह मेला आकर्षण का केंद्र रहा है।

रविवार को भोर में राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल, जैसलमेर जिला कलक्टर जैसलमेर शुचि त्यागी एवं पुलिस अधीक्षक ममता राहुल ने बाबा रामदेवजी की समाधि के दर्शन तथा पूजा-अर्चना के साथ ही पंचामृत से अभिषेक किया की और प्रदेश में सर्वागीण खुशहाली की कामना की।

इन अतिथियों ने बाबा की समाधि पर इत्र एवं प्रसाद चढ़ाया, चंवर ढुलाया तथा बाबा की अखण्ड जोत के दर्शन किए। इसके बाद दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का अपार सेलाब समाधि की ओर उमड़ पड़ा।

मंगला आरती के अवसर पर बाबा की समाधि पर दूध, दही, शहद, इत्र एवं पंचामृत से अभिषेक किया गया। बाबा को मेवा मिष्ठान व मिश्री का भोग चढ़ाया गया। पुजारी कमल किशोर छंगाणी के साथ ही बाबा के वंशज तंवर समाज के प्रतिष्ठित भक्तगण भी मंगला आरती में उपस्थित थे। बाबा की समाधि पर नई चादर चढ़ाई गई, मुकुट को केशर से तिलक लगाया गया एवं रविवार को प्रात: बाबा रामदेव की भोग आरती की गयी।

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