जाजू ने 152 मोरों की हत्या को लेकर 16 प्राथमिकी दर्ज कराई

peacockजयपुर। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने बताया कि नागौर जिले के छीलरा ग्राम मंे 28 मई को 7 व 29 मई को 8 राष्ट्रीय पक्षी मोरांे की हत्या कर दी गई। मोरांे की हत्या की प्राथमिकी पुलिस अधीक्षक नागौर को मेल पर दर्ज कराई गई है। जाजू ने पिछले कुछ दिनांे मंे 152 राष्ट्रीय पक्षी मोरांे की 16 अलग-अलग घटनाओं को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई है।
15 फरवरी को अजमेर जिले के बोराड़ा के पास रामसिंहपुरा मंे 11 मोर, 13 मार्च को अजमेर जिले के अजयपाल गांव मंे 15 मोर, 20 मार्च को बंूदी के बाछोला गांव मंे 9 मोर, भीलवाड़ा के जहाजपुर तहसील के छाबड़िया गांव मंे 5 मोर, 21 मार्च को अजमेर के मांगलियावास धार्मिक स्थल पर 5 राष्ट्रीय पक्षी मोर, 28 मार्च को सीकर जिले के बिरानिया गांव मंे 12 मोर, अजमेर के देवली कला मंे 8 अप्रेल को 10 मोर, सरवाड़ में 14 मोर, नागौर के मारोठ थाना क्षेत्र मंे 8 अप्रेल को 14 मोर, अजमेर के अजगरा में 13 अप्रेल को 12 मोर, बंूदी के नैनवा में 13 अप्रेल को 3 मोर व 24 अप्रेल को 3 मोर, नागौर के बड़ी खाटू मंे 26 अप्रेल को 15 मोर, झालावाड़ के अखतासा ग्राम में 16 मई को 9 मोर की हत्या जहरीला दाना डालकर मांस प्राप्त करने व मोर पंखो केा बेचने के मकसद से हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई है। जाजू ने आगे कहा कि पुलिस व वन विभाग की लापरवाही व ढिलाई के चलते राष्ट्रीय पक्षी मोरों की ताबड़तोड़ हत्याओं की घटनाएं घटित हो रही है। जाजू ने बताया कि सरकार ने कहने को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं मंे 7 वर्ष तक की सजा व 5 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान के साथ मोर की हत्या का अपराध गैर जमानती कर रखा है। सरकारी कारिन्दों की कामचोर प्रणाली के चलते मोरों की हत्यारों की न तो गिरफ्तारी होती है न ही नियमानुसार सजा दिलाई जाती है। इसके चलते प्रदेश मंे लगभग प्रतिदिन 10 राष्ट्रीय पक्षी मोरांे की हत्या का सिलसिला जारी है। जाजू ने कहा कि मोर की सुन्दरता ही मोर की जान कील आफत बन रही है। यदि समय रहते केन्द्र व राज्य सरकार नहीं चेती तो कुछ वर्षों पूर्व बहुतायत में नजर आने वाला राष्ट्रीय पक्षी मोर, गिद्ध, गोडावण व टाईगर की भांति बहुत कम संख्या मंे दिखलाई देगा।

श्रीमान् लक्ष्मण जी गौड़
पुलिस अधीक्षक,
पुलिस अधीक्षक कार्यालय, नागोर

विषय: नागोर जिले के छीलरा गांव के पास 15 मोरांे की हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने बाबत्।

महोदयजी,
उपरोक्त विषय मंे निवेदन है कि 28 मई की रात्रि मंे 7 राष्ट्रीय पक्षी मोरों एवं 29 मई रात्रि को 8 राष्ट्रीय पक्षी मोरों की नागोर जिले के छीलरा ग्राम के पास जहरीला दाना डालकर हत्या कर दी गई।
उक्त मोरों की हत्या की जानकारी राष्ट्रीय स्तर के टीवी चैनलों व समाचार पत्रों से भी प्रसारित हुई है। उक्त मोरों की हत्या की घटना शिकारियों व हत्यारांे द्वारा जान बूझकर दानों पर जहर लगाकर डाल देने के कारण हुई है। हत्यारे मोरों का मांस प्राप्त करने व मोर पंखो को बेचने की दृष्टि से आये दिनांे राष्ट्रीय पक्षी मोरांे की हत्या को अंजाम देते हैं। पूर्व मंे भी बड़ी खाटू मंे 15 मोर, मारोठ थाना क्षेत्र मंे 9 अप्रेल को 11 राष्ट्रीय पक्षी मोरों की हत्या कर दी गई थी। पिछले मोरों की हत्या की भी मैनें प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उक्त 15 मोरांे की छीलरा गांव की हत्या वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का खुला उल्लंघन है व राष्ट्रीय पक्षी मोर प्रथम अनुसूची का पक्षी है एवं उक्त अधिनियम के तहत दण्डनीय अपराध होकर गैर जमानती है।
आपसे निवेदन है कि 15 राष्ट्रीय पक्षी मोरों की हुई हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने की स्वीकृति प्रदान कर मोरों के हत्यारांे को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाएं।

प्रतिलिपि
श्रीमती मेनका जी गांधी, केन्द्रीय मंत्री एवं
राष्ट्रीय अध्यक्षा, पीपुल फॉर एनीमल्स, नई दिल्ली

(बाबूलाल जाजू)

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