जयपुर । राजस्थान में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। प्रदेश के जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, चुरू , झुंझुनूं, अजमेर, दौसा जिलों में बीती रात से भारी बारिश का दौर चल रहा है, प्रदेश भर में बारिश से 20 लोगों की मौत हो चुकी हैं, और दर्जन भर लोग लापता है, वहीं झुंझुनूं के नवलगढ़ में 400,अजमेर के केकडी में 300 मिलीमीटर बारिश बरसने से बाढ़ के हालात बन गए है जयपुर में अगस्त की इस बारिश ने पिछले 53 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
इससे पहले वर्ष 1959 में अगस्त माह में 188.4मिमी बारिश हुई थी। इसके बाद वर्ष 1981 में राजस्थान में बाढ़ से तबाही मची थी।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से टेलिफोन पर बात कर हालात की जानकारी ली।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से मदद की पेशकश की है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए मदद की पेशकश की है,पहली किस्त के रूप में 20-20 हजार रुपए जारी कर दिए गए है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में पहुंचकर राहत कायरें पर निगरानी रखने के निर्देश दिए है।
जिला कलेक्टरों को राहत कार्य अपने स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। बारिश के चलते प्रदेश में लोग बेहाल है और आपदा प्रबंधन के तमाम इंतजाम के दावे करने वाला प्रशासन नदारद है। राजधानी जयपुर में मंगलवार रात एक बजे बाद शुरू हुई बारिश ने शहर को अस्त व्यस्त कर दिया है और प्रशासन की तैयारी की पोल खोल दी है।
जयपुर में बारिश सवेरे तक 170 मिलीमीटर कर 53 साल का रिकार्ड तोड़ चुकी थी। बारिश ने जयपुर में आठ लोगों की जान ले ली है। जयपुर के आगरा हाइवे पर घाटी की गुनी में गाड़ी के बारिश के पानी के बहाव के कारण नाले में गिर जाने से दम्पत्ति की मौत हो गयी, वहीं सुशिल पूरा में बारिश का पानी घर में घुसने के बाद करंट लगने से एक दम्पत्ति की मौत हो गयी। कच्ची बस्ती में पानी के तेज बहाव में चार बच्चों की बहने से मौत हो गई।
जयपुर के जिला कलेक्टर ने बाढ़ के हालात घोषित कर दिए और सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी। राजस्थान विश्वविद्यालय ने भी छात्रों के लिए अवकाश घोषित कर दिया।
जयपुर की ऐतिहासिक जलमहल झील में तड़के ओवरफ्लो से झील की पाल टूट गयी और पानी सड़कों पर बह निकला, लेकिन 15 साल बाद शहर के बीच सूखी पड़ी तालकटोरा झील में 10 फीट पानी आया है। जयपुर के निचले इलाकों खास तौर पर कच्ची बस्तियों में पानी भर गया। माना जा रहा है कि इस से 50,000 लोग प्रभावित हुए है। इसके अलावा परकोटे के भीतर का पुराना शहर भी बारिश से बुरी तरह परेशान रहा। दुकान, मकान, तहखानों में पानी भर गया और व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है।
शहर के सभी अंडरपास पानी से भर गए है और शहर के बीच से निकलने वाले नालों में पानी उफान पर है। कई जगहों पर रेलवे ट्रैक के नीचे से मिट्टी सरक गयी है। अनहोनी की आशंका को देखते हुए रेलवे ने सभी ट्रेनों को धीमी गति से चलाने के निर्देश दिए है। प्रदेश में रेल और सड़क यातायात आज पूरी तरह से अस्तव्यस्त रहा। बारिश इतनी तेज थी कि लोगों को अपने घरों की छतों पर शरण लेना पड़ा,मंदिर,मस्जिदों और स्कूलों में लोगों ने शरण ली। जयपुर, केकड़ी, नवलगढ़ में कई घर,दुकान और वाहन पानी के तेज बहाव में बह गए। नवलगढ़, दौसा, केकड़ी में तेज बरसात से दस लोगों की मौत हो गई।
राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री बृजेन्द्र ओला ने दैनिक जागरण को बताया कि प्रदेश के 33 में से 10 जिलों में भारी बारिश हुई है,राजधानी में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। जयपुर स्थित सांगानेर हवाई अड्डे के रनवे पर पानी भर गया जो बारिश जारी रहने के कारण शाम तक नहीं निकाला जा सका था। जयपुर सहित भारी बारिस वाले इलाकों में आरएसी तैनात की गई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी दी है।