भारतीय सिंधु सभा अभ्यास वर्ग संपन्न

badmer newsबाड़मेर, पूज्य महंत गोंसाई निहालगिरी जी की मड़ी में दो दिवसीय प्रान्तीय कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग के समापन सत्र संपन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान झूलेलाल की मूर्ति को माल्यार्पण कर दिलीप बादलानी एवं गोपीकिषन शर्मा ने झूलेलाल की धून पर जयकारा लगवाया। मीडिया प्रभारी दिलीप बादलानी ने बताया कि छतुमल तनसुखानी ने स्वागत उद्बोधन दिया। मुख्य अतिथि डॉ. तीर्थदास डोडवानी, अध्यक्ष जोधपुर महानगर इकाई ने सेवा कार्य पर उद्बोधन दिए। सेवाभाव ही हमारी सिंधी सस्कृति की पहचान है। षिक्षा के महत्व पर प्रकाष डालते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में हमारा समाज षिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहा है, अतः षिक्षा के महत्व को पहचान कर हमें षिक्षित होकर समाज के आर्थिक दृष्टि से कमजोर अन्य लोगों को भी षिक्षित करना होगा, यही समाज के प्रति सच्ची सेवा होगी। षिक्षा ही व्यक्ति की सफलता का मूल है।
भारतीय सिंधु सभा के बालोतरा संभाग के प्रभारी वासुदेव बसराणी ने संगठन पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होने बताया कि संगठन मजबूत होगा तभी सिंधी समाज सच्चे मायने में विकास कर पाएगा। सभी एकता के मूल सूत्र में पिरोये जाए। हमारा ध्येय सिंधी समाज के सब तबके या वर्गों को एक साथ लेकर चलना है।
टिकमदास पारवानी उपाध्यक्ष, बिकानेर इकाई ने संस्कार भाव पर उद्बोधन दिए। उन्होंने बताया कि बालक में संस्कार उसके माता पिता, उसके परिवार से मिलते हैं, अतः हमें आने वाली पीढ़ी तथा युवा पीढ़ी को संस्कारित करना चाहिए। संस्कारित समाज का निर्माण करना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
मोहनलाल वाधवानी प्रदेष महामंत्री संगठन ने बताया कि इस तरह के अभ्यास वर्गों से कार्यकर्ता समाज के प्रति चिंतित रहते हुए समाज के बारे में सोचते है। अभ्यास वर्ग कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करते है। वर्तमान में पाष्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के कारण सिंधी अपने राह से भटक रहा है अतः उसके चहुमुंखी विकास के लिए उसे सिंधीयत से जोड़ना आवष्यक है, इसी क्षेत्र में भारतीय सिंधु सभा कार्यरत है।
कार्यक्रम के अंत में जिलाध्यक्ष भगवानदास ठारवानी ने आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में गोपी किषन शर्मा, नगर इकाई अध्यक्ष हरीष जीवनाणी, तुलसीदास, महेन्द्र कुमार साधवानी, जयकिषन सुखनानी, टीकमदास सुखपाल, मिरचूमल कृपलानी, गोपालदास झाामनानी, रमेष सायानी, भगवानदास आसवानी, इन्द्र कुमार बसराणी, सतीष सोनी, देवानन्द तनसुखानी एवं सिंधी समाज के अन्य कई गणमान जन उपस्थित रहे।
भगवान दास ठारवाणी
मो 9413989975

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