जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और सामान्य प्रशासन मंत्री डा. अरुण चतुर्वेदी ने विश्वास दिलाया कि राज्य में मीसा और डीआईआर बन्दियों को पेंशन देने में आ रही परेशानियों को जल्दी ही दूर किया जाएगा।
चतुर्वेदी से मंगलवार को उनके सरकारी आवास पर एक प्रतिनिधि मण्डल ने भेंटकर बताया कि सरकार के आदेश के बावजूद जयपुर समेत दो दर्जन जिलों में मीसा और डीआईआर बन्दियों कोे पेंशन देने में प्रशासन बेवजह अड़चनें पैदा कर रहा है। इस पर चतुर्वेदी ने उन्हें बताया कि मीसा बन्दियों की पेंशन का मंत्रालय हाल ही उन्हें सौंपा गया हैं। कार्यभार संभालने के साथ ही उन्होंने इस बारे में अधिकारियों से चर्चा करने के साथ हीे भाजपा में इस मामले को देख रहे राज्य धरोहर संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत से भी विचार विमर्श किया हैं। उन्होंने कहा, इस संबंध में आ रहीं समस्याओं से वे अवगत हैं। मुख्य रूप से चार बिन्दु उनके ध्यान में लाए गए हैं। इनमें सीआरपीसी की धारा 107, 116 एवं 151 के तहत बंदी, बंदी रहने की अवधि का जेल रिकाॅर्ड नहीं होना, सत्याग्रह के समय वयस्क नहीं होना, विधायक या सरकारी कर्मचारी होने पर पेंशन का पात्र होने, जैसे मामले हैं।
चतुर्वेदी को लोकतंत्र रक्षा मंच के संस्थापक अध्यक्ष व पूर्व विधायक कौशल किशोर जैन ने बताया कि जैसलमेर, उदयपुर सहित कई जिलों में प्रशासन ने अपने विवेक का उपयोग कर मीसा बन्दियों को पेंशन दे दी हैं। जयपुर समेत करीब बीस जिलों में जिला प्रशासन की लालफीताशाही के कारण एक भी मीसाबंदी को सरकार की देय योजना का लाभ नहीं मिला हैं।
मंच के प्रदेश सचिव राजेन्द्र राज ने बताया कि जयपुर में मीसाबन्दियों के 93 आवेदन आए हैं। जिला प्रशासन ने कोई न कोई वजह बताकर इन मामलों को अटका दिया हैं। प्रशासन ने अपने विवेक का उपयोग नहीं कर हर मामले में सरकार से मार्ग दर्शन मांगा हैं। अन्य जिलों में प्रशासन ने मीसाबन्दियों से आपराधिक चरित्र का नहीं होने के मामले में शपथ पत्र लेकर पेंशन राशि के चैक सम्मानपूर्वक उनके निवास पर जाकर सौंपे हैं।
चन्द्रराज लोढ़ा, बाल गोपाल गुप्ता, ओम प्रकाश बाहेती व अन्य प्रतिनिधियों ने चतुर्वेदी से मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे से जयपुर में मीसा बन्दियों को सम्मानित करने के समारोह के बारे में चर्चा कर कार्यक्रम तय कराने का आग्रह किया।
Rajendra Raj
Rajendra Raj