जयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने सेवामुक्ति के मौखिक आदेश को अपास्त करते हुए समस्त परिलाभों सहित अपीलार्थीगण को पुन: सेवा में बहाल करने का आदेश प्रत्यर्थी संस्था प्रबन्ध समिति श्री दिग बर जैन सीनियर सैकण्डरी स्कूल, सीकर को दिया उल्लेखनीय है कि अपीलार्थीगण श्यामसुन्दर शर्मा दिनांक 25-8-1993 तथा रामावतार भडिया दिनांक 3-12-1996 के आदेशानुसार प्रक्रिया अपनाये जाने के पश्चात अध्यापक के पद पर प्रत्यर्थी संस्था में तैनात हुए जिन्होंने स पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ कर्तव्य का निष्पादन भी किया है प्रत्यर्थी संस्था राज्य सरकार की परिभाषा में आती है। अपीलार्थी श्याम सुन्दर शर्मा जब दिनांक ०१.०७.२००१ को नया शैक्षणिक सत्र प्रार भ होने पर संस्था में उपस्थित हुआ तो उसे कार्य करने से मौखिक आदेश के द्वारा रोक दिया गया। इसी प्रकार अपीलार्थी रामावतार भडिया ने दिनांक १६.०५.२००१ को शैक्षणिक सत्र समाप्त होने तक अपने पद पर कार्य किया लेकिन जब वह माह जुलाई, 2001 में नया शैक्षणिक स0 प्रार भ होने पर विद्यालय में गया तो उसे कार्य करने से मना कर दिया गया तथा उसे दिनांक 24-7-2001 से 31-7-2001 तक कार्य करने की अनुमति दे दी गयी । तत्पश्चात पुन: उसे कार्य करने से रोक दिया गया। इससे पीडित होकर अपीलार्थीगण ने अपने अधिवक्ता डी पी शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सेवामुक्ति के सन्दर्भ में पारित मौखिक आदेश को अपास्त करने एवम सेवा में समस्त परिलाभों सहित पुन: स्थापित करने तथा वेतन एवम भत्ते दिलवाये जाने का निवेदन किया अपीलार्थीगण के अधिवक्ता का तर्क था कि अपीलार्थीगण की सेवा समाप्ति करने से पूर्व विधि के प्रावधानों की अनुसरण नहीं किया गया। सेवामुक्ति आदेश अवैध, मनमाना तथा अवैधानिक होने के कारण अपास्त किये जाने योग्य है। प्रत्यर्थी संस्था ने आदेश जारी करने से पूर्व राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 तथा नियम 1993 के प्रावधानो की पालना भी नहीं की। दूसरी ओर प्रत्यर्थी संस्था का तर्क था कि अपीलार्थीगण को कार्य करने से कभी नही रोका बल्कि उनकी सेवाये समय पूरा होने के कारण समाप्त हुई है। मामले की सुनवाई के पश्चात अधिकरण ने सेवामुक्ति के मौखिक आदेश को अपास्त करते हुए समस्त परिलाभों सहित अपीलार्थीगण को पुन: सेवा में बहाल करने का आदेश प्रत्यर्थी संस्था को दिया तथा निदेशक, सैकण्डरी शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर को निर्देश दिया कि वह उपरोक्त निर्णय की पालना प्रत्यर्थी संस्था से कराया जाना सुनिश्चत करे।
डी पी शर्मा
एडवोकेट
मो. नं. 9414284018