जयपुर। ‘‘चुप्पी तोड़ो, महिला हिंसा के खिलाफ अब तो बोलो’’ महिला हिंसा नहीं सहेंगे – मिलकर सब प्रतिकार करेंगे, भारत में 4 करोड़ और राजस्थान मंे 26 लाख लड़कियां और महिलाएं कम …….. क्या यही हमारी तरक्की है – जैसे नारों के साथ आज रामनिवास बाग स्थित अल्बर्ट हाल के सामने राजस्थान एवं गुजरात एक्शन एड महिला संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से राज्यस्तरीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा (25 नवम्बर से 10 दिसम्बर) शुरू हुआ। भारी संख्या में महिलाओं, युवाओं एवं कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के साथ बढ़ती अपराधिक घटनाओं पर विरोध जताया।
इस अवसर पर महिला हिंसा, अत्याचार व भेदभाव की शिकार महिलाओं की याद में केंडिल मार्च का आयोजन किया गया। नुक्कड़ नाटक एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से वातावरण में बदलाव लाने एवं उद्देश्यपूर्ण संदेश देने के लिए कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
एक्शन एड राजस्थान व गुजरात की राज्य समन्वयक शबनम अजीज ने कहा कि राजस्थान में महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा एवं गिरते लिंगानुपात की वजह से 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या 833 रह गई है। इसी तरह औसतन प्रतिदिन 5 बलात्कार की घटनायें, प्रतिदिन 32 महिलायें घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं, जबकि परिवार समाज, पुलिस व न्यायिक प्रक्रिया की वजह से भारी संख्या में ऐसे मामले उजागर ही नहीं होते हैं। ष्षबनम अजीज ने बताया कि सरकारी आकंडों के हिसाब से पिछले सितम्बर 2013 से सितम्बर 2014 के बीच महिलाओं के प्रति 7.5 प्रतिषत अपराधो की वृद्वि हुई है और 18.34 प्रतिषत अधिक बलात्कार की घटनाऐं हुई है। नेषनल क्राईम ब्यूरो 2013 के अनुसार राजस्थान में महिलाओं खिलाफ 27933 मामले दर्ज हुए हैं जो पूरे भारत में आन्ध््राा प्रदेष व उत्तर प्रदेष के बाद राजस्थान को 3 स्थान पर स्थापित करते है। यह षर्मनाक स्थिति है।
इस अवसर पर विभिन्न पोस्टरों का प्रदर्शन एवं जन जागरूकता के लिए प्रकाशित सामग्री का वितरण भी किया गया।
कल्याण सिंह कोठारी
मीडिया सलाहकार
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