फूड फोर्टिफेकेषन के लाभों की जानकारी प्रदान करने की मांग

DSC_0460DSC_0450DSC_0359जोधपुर / स्वास्थय प्रबन्ध शोद्य संस्थान, जयपुर एवं ग्लोबल एलायन्स फॉर इन्पू्रव्ट न्यूट्रीषन (गेन-जिनेवा) के सहयोग से राज्य में गत तीन वर्षो से चल रही फोर्टिफाईड़ खाद्य आहार परियोजना से कुपोषण एवं माइक्रो न्यूट्रिएन्ट की कमी दूर करने की उपयोगिता पर जिला स्तरीय कार्यषाला आयोजित की गई।
राजस्थान सरकार के प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी युद्धवीर सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य में कुपोषण केन्द्र पर भारी संख्या में लाए जा रहे कुपोषित बच्चों के साथ आने वाले परिवारों को फूड फोर्टिफेकेषन के लाभोें की जानकारी प्रदान करने की योजना बनाई जानी चाहिए। परिवार स्तर पर फोर्टिफाईड खाद्य आहार की उपयोगिता के बारे में अभियान मोड कार्य करने की आवष्यकता है। उपनिदेषक डॉ. संदीप जैन ने कहा कि आमजन को दैनिक उपयोग में आने वाले- आटा, तेल व दूध को फोर्टिफाईड़ ही लेने के लिए मांग पैदा करने की जरूरत है। इस सम्बन्ध में राज्य में संचालित कुपोषण निवारण केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। उन्होने बताया कि वर्तमान में 40 कुपोषण निवारण केन्द्रों की संख्या को बढ़ाकर 147 किया जा रहा है।
परियोजना निदेषक राहुल शर्मा ने बताया कि खा़द्य प्रदार्थ का पोषण संवर्द्धन (फूड़ फोर्टिफीकेषन) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें उपलब्ध खा़द्य सामग्री में औधोगिक स्तर पर सुक्ष्म पोषक तत्वों को मिलाया जाता है। इससे कुपोषण, एनिमिया, अंधत्व में कमी लाने के साथ मातृ षिषु दर घटाने के लक्ष्य की दिषा में लाभ होने के सकारात्मक परिणाम मिले है।
जिला स्तरीय कार्यषाला में आटे, तेल उत्पादकों के व्यवसायी, वितरक एवं औद्योगिक ईकाईयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। फोर्टिफाईड़ खान पान स्वास्थय का वरदान सम्बन्धी उत्पादों व साहित्य की प्रदर्षनी भी आयोजित की गई।
कार्यषाला में परियोजना प्रबन्धक डॉ. आर.एस.राठौड़ ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कार्यषाला का संचालन मीडिया सलाहकार कल्याण सिंह कोठारी ने किया।
कल्याण सिंह कोठारी
मीड़िया सलाहकार
मो.नं- 9414047744

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