बालिकाएं झांसी की रानी बनकर करेगी आत्म रक्षा

ऑन लाईन होंगे महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद
a bhadel 11गांधी नगर स्थित निदेशालय समेकित बाल विकास सेवाएं के सभागार में श्रीमती अनिता भदेल, राज्य मंत्री महोदया (स्वतंत्र प्रभार), महिला एवं बाल विकास विभाग की अध्यक्षता में बजट घोषणाओं की क्रियान्विति एवं आगामी वर्ष के लिए प्रस्तावित योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विर्मश किया गया। बैठक में राज्य में महिला सुरक्षा के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदया श्रीमती वसुन्धरा राजे के दिशा-निर्देशों की क्रियान्विति किये जाने के लिए विशेष योजना के प्रारूप पर चर्चा की गई। प्रस्तावित योजना में विद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर की छात्राओं को संकट कालीन स्थितियों से निपटने के लिए, आत्म रक्षा की भारतीय पद्धतियों का व्यवहारिक प्रशिक्षण, प्रशिक्षित महिला कांस्टेबल तथा आत्म रक्षा की भारतीय पद्धतियोें में दक्ष प्रशिक्षक एवं जूडों कराटे के विशेषज्ञों द्वारा दिया जायेगा। इसी प्रकार योजना में महिला सलाह सुरक्षा केन्द्र के स्तर पर टोल फ्री नम्बर की प्रणाली से भी जोड़े जाने की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। इसी प्रकार योजना के अन्तर्गत महिला सुरक्षा कर्मी के रूप में, महिलाओं को आजीविका एवं कौशल विकास निगम की योजनाओं के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाकर, सार्वजनिक उपक्रमों में उनको नियुक्त किये जाने की योजना भी बनाये जाने हेतु निर्देशित किया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती भदेल ने निर्देशित किया कि आंगनबाडी केन्द्रोें को आदर्श आंगनबाडी केन्द्र के रूप में प्रत्येक जिले में विकसित किया जाये। निदेशक, समेकित बाल विकास सेवाएं ने बताया कि इसके लिए योजना का प्रारूप तैयार कर लिया है जिसमें जन सहभागिता के आधार पर आंगनबाडी केन्द्र को आदर्श आंगनबाडी केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि गत दिनों माननीय मुख्यमंत्री महोदया श्रीमती वसुन्धरा राजे ने अजमेर में आदर्श आंगनबाडी केन्द्र का लोकार्पण करते हुए निर्देश प्रदान किये थे कि ऐसे आदर्श आंगनबाडी केन्द्र प्रत्येक जिले में स्थापित किये जाये। मुख्यमंत्री महोदया के निर्देशों की पालना में राज्यभर में जनसहभागिता के आधार पर इस कार्य को प्रारम्भ कर दिया गया है। बैठक में स्वच्छ भारत अभियान में विभाग की भूमिका की चर्चा करते हुए ऐसी योजना बजाये जाने के निर्देश प्रदान किये गये जिसमें प्रत्येक आंगनबाडी कार्यकर्ता, आंगनबाडी सहायिका, साथिन आदि की ग्राम स्तर पर सक्रिय भूमिका हो और उक्त अभियान में बेहतर काम करने वाले कार्मिकों को पुरस्कृत करने की योजना बनाने के लिए निर्देशित किया गया।
इसी प्रकार सर्वश्रेष्ठ आंगनबाडी कार्यकर्ता, आंगनबाडी सहायिका एवं आशा सहयोगिनी को जिला स्तर व राज्य स्तर पर पुरस्कृत किये जाने के लिए तैयार योजना के प्रारूप पर चर्चा करते समय निर्देशित किया गया कि उक्त योजना को शीघ्र अंतिम रूप दिया जाये तथा श्रेष्ठ कार्मिक को चालू वित्तीय वर्ष में भी सम्मानित किया जाये। बैठक में आंगनबाडी कार्यकर्ता की निर्धारित योग्यता के सम्बन्ध में विचार-विर्मश किया गया तथा सैकेण्डरी एवं उच्च योग्यताधारी कार्यकर्ताओं को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण, महिला अधिकारिता विभाग की योजना के अन्तर्गत प्रदान किया जाये, ताकि आंगनबाडी केन्द्र का सीधा स्तर ब्लॉक स्तर व पंचायत समिति स्तर से स्थापित हो सके और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन, समीक्षा एवं दिशा-निर्देशन के लिए सूचना तंत्र स्थापित हो सके।
बैठक में प्रारम्भिक बाल्यवस्था देखरेख एवं शिक्षा (ईसीसीई) के लिए आदर्श पाठ्यक्रम तैयार करने, आंगनबाडी कार्यकर्ता के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण मॉडयूल तैयार करने एवं बच्चों के लिए सरल भाषा से युक्त चित्रित गतिविधि पुस्तिकाएं तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया।
महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा तैयार किये जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता, ब्रांडिग एवं विपणन के लिए व्यवहारिक योजना तैयार करने एवं गुणवत्ता युक्त उत्पादों के लिए ऑन लाईन विपणन प्रणाली का विकास किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये। इसी प्रकार प्रत्येक जिले में ऐसे उत्पादों निरन्तर विपणन के लिए स्थाई विपणन केन्द्र खोले जाने की योजना बनाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में सुश्री गुरजोत कौर, अतिरिक्त मुख्य सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग, डॉ. पृथ्वीराज निदेशक, समेकित बाल विकास सेवाएं, श्रीमती राजेश यादव, निदेशक महिला अधिकारिता एवं अन्य विभागीय अधिकारियांे ने भाग लिया।
(डॉ. पृथ्वीराज)
निदेशक, आई.सी.डी.एस.
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