संसद सत्र के बाद राजस्थान कांग्रेस में बदलाव की तैयारी

संसद का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद राजस्थान कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी है। कांग्रेस आलाकमान अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए रणनीतिक लिहाज से बदलाव की तैयारी कर चुका है।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक की जगह दूसरे नेता को जिम्मेदारी दी जा सकती है। वासनिक कई साल पहले के प्रभारी हैं। उनके विकल्प के तौर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में महासचिव बीके हरिप्रसाद के नाम की चर्चाएं हैं।

कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि हाल के दिनों में कई राज्यों के प्रभारी बदले गए थे, राजस्थान के प्रभारी का बदलाव भी उसी नीति के तहत होगा। कांग्रेस में कॉपशन मेंबर के अलावा कुछ अटकी नियुक्तियों पर भी फैसला संसद सत्र के बाद ही होगा। इसके अलावा संगठन में भी कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।

मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान को हटाए जाने को लेकर भी विचार किया जा रहा है। उनके स्थान पर वैकल्पिक नेता की खोज की जा रही है। इनमें वरिष्ठ नेता डॉ. बी.डी. कल्ला, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा.गिरिजा व्यास, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह और राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक के नाम शामिल है।

टांक को जहां अल्पसंख्यक मतदाताओ को आकर्षित करने के लिए प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपे जाने पर विचार हो रहा है, वहीं कल्ला को निर्विवाद नेता एवं डॉ. व्यास को दस जनपथ से निकटता के चलते कमान सौंपने पर विचार किया जा रहा है।

चन्द्रभान को हटाकर नारायण सिंह को कमान सौंपने के विचार का मकसद जाट मतदाताओ को खुश रखना है। दोनों ही जाट समाज से है।

इसके साथ ही साढ़े तीन साल पुरानी अशोक गहलोत सरकार में भी फेरबदल होगा, कुछ नये मंत्री बनाए जाएंगे। नये मंत्री विस चुनाव में जातिगत एवं राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए बनाए जाएंगे।

पार्टी सूत्रों के अनुसार संसद सत्र के बाद राजस्थान कांग्रेस में होने वाले बदलाव और नियुक्तियां विधानसभा चुनावों तक रहेगी। अगले साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस हाईकमान का खास फोकस है।

राजस्थान कांग्रेस में होने वाले बदलावों में कुछ चौंकाने वाले बदलाव भी किए जा सकते हैं। दिल्ली में प्रस्तावित बदलावों को लेकर मशक्कत पूरी हो चुकी है।

 

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