राष्ट्र रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने के लिये तत्पर रहें -भागवत

bhIMG_6858राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन रॉव भागवत ने आह्वान किया है कि हमारी पूजा पद्धति, भाषा, जीवन शैली अलग-अलग होने के बावजूद राष्ट्र रक्षा के लिए एक जुट होकर सर्वस्व न्यौछावर करने के लिये तत्पर रहना चाहिये।
श्री भागवत ने खानवा (भरतपुर) में राणासंागा स्मारक पर राणासांगा स्मृति समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि विदेशी हमलावर बाबर का देश भक्त हसनखां मेवाती सहित सम्पूर्ण देश के वीर योद्धाओं ने राणासांगा के नेतृत्व में एकजुट होकर युद्ध किया,वह भारत का परिचय है।
श्री भागवत ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिन्दुस्तान में पहली बार विदेशी हमलावर बाबर ने ‘‘मैं भी मुसलमान और तुम भी मुसलमान’’ कहकर वीर योद्धा देशभक्त हसनखां मेवाती को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया परन्तु हसनखां मेवाती ने भारत की मिट्टी और देशभक्ति का परिचय देते हुए देश पर कुर्बान हो गया।
आपने कहा हसनखां मेवाती का बाबर को दिया गया उत्तर भारतीयता का परिचय है।
आपने कहा कि विदेशी हमलों का मिलकर मुकाबला करना इस बात का परिचायक है कि भारत एक है और राष्ट्र पर होने वाले हमले का हम सब मिलकर मुंह तोड़ उत्तर देंगे।
आपने कहा कि खानवा हमारे लिये तीर्थ है और इसकी मिट्टी देशभक्तों के लहू से सिंचित है और इसलिये पावन और पूजने योग्य है।
श्री भागवत ने राणासांगा स्मारक का अवलोकन करने के बाद इसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि इसका महत्व और ऊंचाई बाबर द्वारा निर्मित बुलन्द दरवाजे से कई गुना अधिक हमारे जीवन में महत्व रखती है।
आपने राणासांगा स्मारक को भव्यता प्रदान करने एवं सुनियोजित विकास में सहयोग करने के लिए समाज का आह्वान किया।
आपने कहा कि राणासांगा स्मारक केवल स्मारक नहीं है अपितु भारतीय जीवन की रथयात्रा है। आपने खानवा को एक पूजनीय तीर्थ बताते हुए इसके सफल होने की कामना की।
आपने कहा कि राणासांगा स्मारक देश की संस्कृति का परिचय है और देशवासियों का आह्वान किया कि वे इसे देखे और प्रेरणा ले।
राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्रधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि खानवा के युद्ध में विदेशी हमलावर बाबर ने पहली बार बारूद, तोपे और बन्दूकों का प्रयोग किया। जबकि हमारे शासक केवल तलवारों, भालों और तीर कमानों से ही सुसज्जित थे।
आपने कहा कि राणासांगा स्मारक केवल एक किलोमीटर की परिधि में निर्मित किया और इसमें भारत के उन सभी शूरवीरों की मूर्तियां लगाई गई है। जिन्होनंे राणासांगा के नेतृत्व में बाबर की सेना का मुकाबला किया।
श्री लखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमति वसुन्धरा राजे ने राणासांगा स्मारक के विकास हेतु 1.50 करोड़ रूपये स्वीकृति किये है।
श्री लखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने राज्य के सभी क्षेत्रों में शूरवीरों, सन्तों और महापुरूषों के स्मारक निर्मित करने के लिये निर्देश दिये है।
समारोह में राजस्थान की कला संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्रीमति कृष्णनेन्द्र कोर ने राज्य सरकार की ओर से श्री भागवत का स्वागत किया।
औंकार सिह लखावत
अध्यक्ष,
राजस्थान धरोहर संरक्षण
एवं प्रोन्नति प्रधिकरण
मोबाईल: 9414007610

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