कहने को गौ-भक्त सरकार, बजट में कुछ नहीं

चुनावी घोषणापत्र मंे नौ महीने का अनुदान देने का किया था वादा
bhilwara samacharभीलवाड़ा। गौ-भक्त कहलाने वाली सरकार ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र मंे प्रदेश की गौ-शालाओं मंे पल रहे लावारिस पशुओं के चारेपानी के लिए 9 महीनंे का अनुदान देने का वादा करते हुए गौ-संरक्षण के लिए 17 सूत्रीय घोषणा-पत्र घोषित किया था।
पशु अधिकारों के लिए मेनका गांधी के नेतृत्व मंे संघर्षरत राष्ट्रीय संस्था पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर बताया कि चुनावी घोषणापत्र मंे किये वादे को सरकार ने एक वर्ष तक तो नहीं निभाया, लेकिन बजट मंे भी प्रदेश की 2700 गौ-शालाआंे मंे पल रहे 4 लाख 50 हजार पशुओं के लिए एक रूपया भी नहीं दिया है। इन गौशालाओं की स्थिति अत्यधिक दयनीय होकर संकट मंे है। जाजू ने केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी एवं राज्य की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को पत्र लिखकर बताया कि संकटग्रस्त गौ-शालाआंे मंे कत्लखाने जाने वाले व लावारिस पशुआंे को गौशाला संचालकांे ने अपनी-अपनी गौशालाओं मंे रख रखा है। सरकार ने गो-संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौ-मंत्रालय बनाते हुए 17 सूत्रीय घोषणा-पत्र भी जारी किया था। जाजू ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि प्रदेश के साधु-संतो व गौशाला संचालकांे द्वारा सरकार को अनेक बार ज्ञापन व रूबरू मिलने के बाद भी सरकार द्वारा इस ओर ध्यान नहीं देना सरकार की कथनी और करनी में अंतर दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार ने गौशालाआंे को 170 करोड़ रूपया अनुदान दिया था।

बून्दी मंे 12 मोरांे की हत्या
हत्यारे 250 रूपये मंे बेच रहे हैं मृत मोर को
भीलवाड़ा। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने बताया कि बंूदी जिले की इन्द्रगढ़ तहसील के ग्राम श्योदानपुरा मंे 12 राष्ट्रीय पक्षी मोरों की हत्या जहरीला दाना डालकर कर दी गई। मोरांे की हत्या की प्राथमिकी पुलिस अधीक्षक बंूदी तेजराज सिंह को मेल व रजिस्टर्ड डाक से दर्ज कराई है।
जाजू ने बताया कि उपरोक्त मामले मंे मोर के हत्यारे को गिरफ्तार करने पर उसने प्रत्येक बेचे गये मोर की कीमत मात्र 250 रूपये बताई है। जाजू ने बून्दी के वन और पुलिस अधिकारियों की ढीली-ढाली कार्यप्रणाली को मोरों की हत्या का कारण बताते हुए दोनांे विभागांे के अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री से कार्यवाही की मांग करते हुए बताया कि बून्दी जिले में इस वर्ष सर्वाधिक मोरों की हत्या हुई हैै। मोर की हत्या को जाजू ने कानूनी रूप से गैर जमानती बताया है।

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