सोनिया के सामने खुली गहलोत सरकार की कलई

जयपुर । राज्यपाल मारग्रेट अल्वा से सीधी बात और केन्द्रीय मंत्री डॉ.सी.पी.जोशी एवं जयपुर ग्रामीण सांसद लालचंद कटारिया से मिली रिपोर्ट के बाद जयपुर के मदरामपुरा में बाढ़ प्रभावितों का हाल जानने आज जयपुर आई कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार द्वारा किए गए राहत कार्यो की पोल खुल गई।

हुआं यूं कि बाढ़ प्रभावितों से मिलने के बाद सोनिया गांधी अपनी गाड़ी में बैठकर जब वापस लौटने लगी तो एक महिला सुरक्षा घेरे को धत्ता बताती हुई जोर-जोर से चिल्लाती हुई उनकी गाड़ी के सामने पहुंच गई। महिला को चिल्लाता देखकर सोनिया ने उसे अपने पास बुलाया तो वह रोते हुए क्षेत्र का हाल बताने लगी, उसने कहा कि अब तक उन्हें कोई राहत सामग्री और पैकेज नहीं दिया गया है। उसने यह भी कहा कि मै जब आपके पास आने लगी तो पुलिसफोर्स न अभद्र व्यवहार भी किया। इस पर सोनिया ने रुक कर उसकी बात सुनी और सहायता का आश्वासन दिया। उस महिला के अलावा कुछ अन्य महिला-पुरुष भी राहत नहीं मिलने के आरोप लगाते हुए सोनिया की तरफ भागे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां तक नहीं पहुंचने दिया।

प्रशासन द्वारा मैनेज किए गए लोगों से दूर बैठे लोग भी राहत नहीं मिलने को लेकर चिल्ला रहे थे, हालांकि दूरी अधिक होने और बीच में प्रशासनिक अधिकारियों के होने के कारण सोनिया तक उनकी बात नहीं पहुंची।

जब यह वाकया हुआं तो मंत्रियों, नेताओं और अफसरों के चेहरे की हवाइयां उड़ गई, इतनी मेहनत से सारी कमी छुपाने की तैयारी की थी वह चौपट हो गई। क्योंकि सच्चाई सोनिया के सामने आ गई।

वैसे सच्चाई यह है कि क्षेत्र में जगह-जगह पानी भरा हुआ है, बाढ़ से प्रभावित लोग अभी भी बेघर है, कचरे के ढेर लगे है,राहत और पुनर्वास की कोई माकूल व्यवस्था नहीं है। इस क्षेत्र में ही नहीं बल्कि भारी बारिश प्रभावित क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया और प्लेग जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।

गौरतलब है कि सोनिया के दौरे की खबर मिलते ही प्रशासन ने जबरदस्त तैयारियां की थी। क्षेत्र से पानी निकाला गया, राशन और राहत सामग्री पहुंचाई गई। इसके साथ ही कुछ चुनिन्दा लोगों को सोनिया से मिलाने का इंतजाम किया गया। इन लोगों को सोनिया को यह बताना था कि उन्हें कोई परेशानी नहीं है, सरकार पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री और दवाई पहुंचा रही है, इन लोगों पास कांग्रेस के कुछ नेता एवं प्रशासन के लोग बिठाए गए थे और इन लोगों ने किया भी वैसा ही जैसा उन्हें तैयार किया गया था, लेकिन सोनिया के लौटते समय पूरी पोल खुल गई और दूर से भागते हुए आई महिला एवं अन्य लोगों ने सच बता दिया।

मौके पर ही सोनिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुनर्वास की योजना मुख्यमंत्री बनाएंगे, जरूरत के मुताबिक राहत पहुंचाएंगे, सीएम इन लोगों की बात कर तय करेंगे कि इन्हें यहीं बसाया जाएगा या और कहीं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कहा कि मैडम के निर्देश के मुताबिक जयपुर ही नहीं पूरे प्रदेश के प्रभावितों को राहत दी जाएगी, उन्हे बसाया जाएगा।

राजीव गांधी बीपीएल आवासीय योजना सहित अन्य आवासीय योजनाओं के तहत उन्हें बसाया जाएगा, राहत में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि राजधानी जयपुर के अतिवृष्टि प्रभावित मदरामपुरा में बेघर हुए लोगों का हाल जानने के लिए अब तक मुख्यमंत्री नहीं पहुंचे थे,जबकि राज्यपाल ने वहां जाकर हाल जाने।

राज्यपाल ने जयपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के कलेक्टरों से रिपोर्ट मंगवाई और फिर सोनिया गांधी को जानकारी दी। इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री सी.पी. जोशी एवं जयपुर ग्रामीण के सांसद लालचंद कटारिया ने भी वास्तविक हालात बताए। इन जानकारियों के बाद सोनिया ने जयपुर आने का कार्यक्रम तय कर प्रदेश सरकार को जानकारी दी, इसके बाद प्रशासन हरकत में आया।

 

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