बाल विवाह जैसी कुरीति को मिटाने के लिए समेकित प्रयास हों

आकाशवाणी के ’’फोन इन कार्यक्रम’’ में श्रीमती अनिता भदेल हुर्इं जनता से सीधे रूबरू
anita bhadelजयपुर, एक मई। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि बाल विवाह बालिकाओं के जीवन जीने का अधिकार छीनता है। इस कुप्रथा को जड़मूल से मिटाने, बालिकाओं के बचपन को बचाने और उनके जीवन में रंग भरने के लिए सरकार के साथ समाज के हर व्यक्ति को प्रगतिशील होते हुए ऎसे प्रयास करने चाहिए ताकि बाल विवाह कराने वालों के हौसले पस्त हो जाएं।
श्रीमती भदेल शुक्रवार को आकाशवाणी के माध्यम से बाल विवाह रोकने में राज्य सरकार के प्रयासों, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’, ‘सशक्त महिला- विकसित राजस्थान’ के विषय पर ‘फोन इन कार्यक्रम’ के जरिए जनता से रूबरू हो रही थीं। कार्यक्रम में बाल विवाह, बालिका शिक्षा, सुरक्षा, सामूहिक विवाह, आंगनबाड़ी केंद्रों के विषय पर राज्य भर के श्रोताओं ने सवाल किए। कार्यक्रम के दौरान श्रीमती भदेल ने कई समस्याओं को तुरंत समाधान का विश्वास दिलाया।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार बाल विवाह जैसी कुरीति को रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित है। यही वजह कि पिछले सालों की तुलना में राज्य में हुए बाल विवाह का आंकड़ा न के बराबर है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने कानूनी, सामाजिक एवं संस्थागत तौर पर सभी आवश्यक प्रयास कर रही हैं। बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार ने उपखंड मजिस्ट्रेट व अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट को अधिनियम के तहत ‘बाल विवाह निरोधक अधिकारी’ के रूप से अधिसूचित किया है। बाल विवाह रोकने के लिए उन्हें बल प्रयोग करने की भी शक्ति नियमों के अनुसार दी गई है। साथ ही पीड़ित के बचाव के उपाय एवं दोषियों को दंड देने की भी व्यवस्था कड़ी की गई है।
बाल विवाह के सम्बन्ध में पूछे गये कई प्रश्नों के जवाब में श्रीमती भदेल ने लोगों को सावचेत करते हुए कहा कि विवाह कराने वाले माता-पिता, संरक्षक या अन्य कोई व्यक्ति जो इसे सम्पन्न करा रहा है या इसे रोके जाने में उपेक्षा बरत रहा है, कार्यक्रम में शामिल हो रहा है ऎसे व्यक्ति को दो वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपए तक के जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान है। इसके तहत बैंड बाजे, टैंट, हलवाई, पंडित, जाति पंचायत के पंच सभी दोषी माने जाते हैं। यह अपराध गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है।
इस कुप्रथा को हमेशा के लिए समाप्त करने के बारे में एक श्रोता के सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि एनजीओ, गैर सरकारी संस्थाओं और समाज के हर तबके को बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठानी होगी। ऎसे कार्यक्रमों का बहिष्कार करना होगा। साथ सबसे अहम समाज के तबके को इस कुरीति के खिलाफ जागरुकता लानी होगी। लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराना होगा और कानूनी प्रावधानों का प्रचार-प्रसार करना होगा। सभी का समेकित प्रयास रहेगा तो आने वाले समय में राजस्थान से बाल विवाह जैसी कुप्रथा हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।
राज्य सरकार के प्रयासों के विस्तार से चर्चा करते हुए श्रीमती भदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री और गृह विभाग महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। इसी कड़ी में सरकार ने पाडकर योजना के तहत नवीं से बारहवीं तक की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही है। उन्होंने बालिकाओं के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री शुभलक्ष्मी योजना, सुकन्या समृद्धि योजना समेत कई योजनाओं के बारे में श्रोताओं को जानकारी दी। उन्हाेंने कहा कि अशिक्षा ही समाज में फैली कुरीतियों की असली जड़ है, लिहाजा हम सबको खासतौर पर महिला शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देना होगा।
एक प्रश्न के जवाब में सामूहिक विवाह पर बल देते हुए श्रीमती भदेल ने कहा कि आजकल विवाह समारोहों में अनावश्यक तौर पर अधिक खर्चा होता है इसलिए सामूहिक विवाहों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार सामूहिक विवाहों के लिए अनुदान भी देती है।
इस कार्यक्रम के दौरान जयपुर, बाड़मेर, कोटा, जालौर, जोधपुर सहित कई जिलों से दर्जनों श्रोता महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री से रूबरू हुए।

error: Content is protected !!