6 राज्यों ने डाला था ग्रिड को खतरे में

उत्तरी ग्रिड को राजस्थान सहित 6 राज्यों ने खतरे में डाला था। कई महीनों से हो रहे ओवर ड्राल से याचिका तो ग्रिड फैल होने से पहले ही दर्ज कराई जा चुकी थी, लेकिन उस दौरान सुनवाई नहीं हो पाई। अब सुनवाई हुई तो छह राज्यों को दोषी मान आगे से ऐसी गलती नहीं करने की हिदायद दी गई है। दोषी राज्यों पर जुर्माना भी किया गया है। 29 और 31 जुलाई को फैल हुए उत्तरी ग्रिड से देशभर में हंगामा मचा और करोड़ों लोगों को कई घंटे अंधेरे में रहना पड़ा।

राजस्थान को इस मामले में क्लिन चिट मिल गई कि हादसे के दौरान वह उत्तरी ग्रिड से ओवर ड्राल नहीं कर रहा था। लेकिन केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग ने एक अन्य सुनवाई के बाद दिए आदेश में राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर को दोषी माना है।

जानकारी के मुताबिक नार्दन रीजन लोड डिस्पेच सेंटर दिल्ली ने उत्तरी ग्रिड से ओवर ड्राल के संबंध में केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग में मार्च से जुलाई के भीतर चार बार याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर राज्य अपने हिस्से से ज्यादा बिजली खींच रहे हैं। जो कानूनी रूप से गलत है। सेंटर ने यह भी लिखा था कि सभी राज्यों ने 25 मार्च से 20 अप्रेल, 1 से 14 मई, 1 से 5 जून और 10 से 16 जुलाई के दौरान जमकर बिजली खींची है। ये सभी राज्य ग्रिड के अनुशासन से परे बिजली लेकर उसे खतरे में डाल रहे हैं।

आयोग ने 14 अगस्त को अंतिम सुनवाई की और 17 अगस्त को फैसला दिया कि राजस्थान सहित छह राज्यों ने अपने हिस्से से ज्यादा बिजली लेकर केन्द्रीय विद्युत विनियामक आयोग की धारा 142 का उल्लंघन किया है। उधर सभी राज्यों ने अपना दोष मानते हुए दलील दी थी कि जब विंड पावर नहीं मिलती, तभी हिस्से से ज्यादा बिजली खींची जाती है।

आयोग ने कोई दलील नहीं मानी। यह भी कहा कि राज्यों ने नेशनल ग्रिड स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर ने जो मैसेज भेजे थे, उनकी पालना भी नहीं की।

शनिवार को जयपुर दौरे पर आए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री वीरप्पा मोइली और ऊर्जा विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि अब ओवर ड्राल करने वाले राज्यों के प्रति सख्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वैसे ऊर्जा के मामले में हालात ठीक है, लेकिन अभी ओर सुधार की जरूरत है।

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